छतरपुर। भाइयों-बहनों हमारी छत्रसाल यूनिवर्सिटी(Chhatrasal University) इस इलाके के नौजवान छत्रसाल यूनिवर्सिटी पर गर्व करते हैं कि नहीं, ये छत्रसाल यूनिवर्सिटी आज मध्यप्रदेश में नाम कमा रही है कि नहीं कमा रही है। ये शिवराज जी कर सकते हैं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) कर सकती है। ये कांग्रेस (CONGRESS) के बस का रोग नहीं है। छत्रसाल यूनिवर्सिटी और बीजेपी का गुणगान करते ये बोल हैं पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के हैं परंतु हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। इस मामले में पीएम मोदी झूठ बोल गए।
छात्रों का कहना है कि यह यूनिवर्सिटी महज 10 से 20 कमरों में चल रही है और यहां संबंधित विषयों के प्रोफेसर (Professor) भी नहीं हैं। इतना ही नहीं इस यूनिवर्सिटी में अब तक एक भी छात्र (student) का रजिस्ट्रेशन नहीं है। छात्र तो छात्र यूनिवर्सिटी के कुलसचिव भी यहां के हालात की गवाही देते हैं, कुलसचिव की मानें तो यूनिवर्सिटी में अव्यवस्थाओं (The disorder in the university) के चलते अब तक कोई शोध कार्य भी नहीं हुआ है। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय से जुड़े 150 कॉलेजों में भी शोध कार्य लायक व्यवस्थाएं नहीं हैं।
2011 में स्थापित होने वाली इस यूनिवर्सिटी को नई जगह शिफ्ट करने के लिये 418 एकड़ जमीन तो अलॉट हुई, लेकिन उस पर निर्माण कार्य अब तक शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में इसका निर्णय वहां के छात्रों को ही लेना है कि विधानसभा चुनाव (Assembly elections) के दौरान दिये गये पीएम मोदी के भाषण में कितनी हकीकत है और कितनी जुमलेबाजी।