भोपाल। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को बड़ा चुनावी धमाका किया। उन्होंने न्यूनतम आय गारंटी योजना का ऐलान किया। वादा किया कि यदि उनकी सरकार बनेगी तो सभी गरीब परिवारों को 72 हजार रुपए सालाना यानी 6000 रुपए महीना दिया जाएगा। अब यह योजना देश भर में बहस का मुद्दा बन गई है लेकिन इस बहस के बीच हम बताते हैं कि यह योजना राहुल गांधी या कांग्रेसी विशेषज्ञों का आइडिया नहीं है बल्कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के आइडिया को कॉपी पेस्ट किया गया है।
पहले समझिए योजना क्या है
राहुल गांधी ने कहा कि हमने मनरेगा चलाई थी अब न्यूनतम आय गारंटी योजना चलाएंगे। बता दें कि मनरेगा में 100 दिन रोजगार की गारंटी दी गई थी। NAGY में काम करने की जरूरत ही नहीं। घर बैठे 6000 रुपए मिलेंगे, परंतु यह उसी व्यक्ति को मिलेंगे जिसकी वैधानिक मासिक आय भी हो, यानी वो प्रतिमाह कुछ वेतन कमाता हो और यह उसके बैंक में आता हो। यदि आप काम नहीं करते तो आपको कुछ भी नहीं मिलेगा।
शिवराज सिंह की योजना क्या थी
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव से पहले ऐसी ही योजना चलाई थी। इस योजना का नाम था 'भावांतर भुगतान योजना' यह किसानों के लिए थी। यदि किसान मंडी में अपनी फसल बेचने आता है और व्यापारी उसकी फसल के दाम सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम देता है, तो किसान को शेष बची रकम सरकार देगी। इसे ऐसे समझिए, यदि फसल की सरकारी दर 10000 रुपए है परंतु व्यापारी किसान को 6000 रुपए अदा करता है तो 4000 रुपए सरकार देगी।
आइडिया कॉपी पेस्ट कैसे कह सकते हैं
राहुल गांधी की 'न्यूनतम आय गारंटी योजना' शिवराज सिंह की 'भावांतर भुगतान योजना' का कॉपी पेस्ट है। वो किसानों के लिए थी, यह कामगारों के लिए है। सरकार ने प्रत्येक कर्मचारी के लिए न्यूनतम मासिक आय 12000 रुपए निर्धारित की थी। राहुल की NAGY के अनुसार यदि नियोक्ता कर्मचारी को मात्र 6000 रुपए मासिक ही प्रदान करता है तो शेष 6000 रुपए सरकार देगी। यह भावांतर योजना का नया संस्कार 'वेतनांतर योजना' है।
तो क्या भावांतर योजना का फायदा मिला था
दरअसल, शिवराज सिंह ने भावांतर योजना चुनाव से पहले ही लागू कर दी थी। शिवराज सिंह की कैबिनेट के मंत्रियों तक ने इसका विरोध किया। इसे अव्यवहारिक योजना बताया। इस योजना का प्रचार प्रसार नहीं हो पाया। भाजपा के नेताओं ने भी इस योजना को किसान के लिए हितकारी नहीं बताया। योजना के प्रचार से पहले ही योजना का भारी विरोध, पूरी योजना को ही ले डूबा।
राहुल गांधी को यह आइडिया किसने दिया
मध्यप्रदेश में भावांतर योजना का भाजपा के नेताओं और मंत्रियों ने भी विरोध किया था परंतु शिवराज सिंह लास्ट तक जिद पर अड़े रहे कि इससे अच्छी योजना हो ही नहीं सकती। मप्र के सीएम कमलनाथ, शिवराज सिंह के परम मित्र हैं। पिछले दिनों दोनों के बीच लम्बी बातचीत भी हुई थी। इसके अलावा वो दिग्विजय सिंह से भी मिल चुके हैं और ज्योतिरादित्य सिंधिया तो खुद उनके घर पहुंच गए थे। भाजपा में उन्हे लगातार बिफल व्यक्ति बताया जा रहा है। राजनीति में संदेह तो हमेशा किया जाता है।