भोपाल। रायसेन जिले की सिंदूर नदी का पूरा पानी चोरी कर लिया गया। रायसेन का जिला प्रशासन और गांव गांव तक मजबूत नेटवर्क रखने वाली कमलनाथ सरकार, नदी के पानी की पहरेदारी नहीं कर पाई। हालात यह बने कि पूरी नदी ही सूख गई। अब ग्रामीण पानी के लिए त्राहि त्राहि कर रहे हैं।
मेहगवां गांव के लोग सिंदूर नदी के पानी पर ही आश्रित हैं, लेकिन इस बार नदी सूखने से उनके समक्ष पानी का संकट खड़ा हो गया है। इस समस्या से निजात पाने के लिए गांव के लोगों ने नदी के बीच में एक गड्ढा खोद लिया है, जिसमें रात भर में जो पानी एकत्रित होता है, उसे गांव के लोग भरकर घर ले जाते हैं और फिर उसे छानकर उपयोग में लाते हैं लेकिन यह स्थाई समाधान नहीं है क्योंकि कुछ ही दिनों में इस गड्ढे का पानी खत्म हो जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि कुछ ताकतवर जमींदारों ने पंप लगाकर नदी का पानी खींच लिया है। इससे उन्होंने अपने खेतों में सिंचाई और निर्माण आदि दूसरे काम किए।
पूरा गांव नदी पर ही निर्भर है
सिंदूर नदी देवरी के पास स्थित टिमरावन गांव के पास नर्मदा नदी में आकर मिलती है। ये सागर जिले से निकली है। मेहगवां गांव में पेयजल के लिए नलकूप, कुएं, बावड़ी आदि नहीं होने से उनकी निर्भरता नदी पर है। लोगों की शिकायत है कि पंचायत स्तर पर कोई व्यवस्था नहीं किए जाने से वे यहां से पानी लेने को मजबूर हैं।