नई दिल्ली। केन्द्रीय आवास (Central Housing) व शहरी मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप एस. पुरी (Hardeep S. Puri) ने कहा कि मंत्रालय ने रिटायरमेंट होम के विकास और नियमन के लिए दिशा-निर्देश तैयार कर लिए हैं। इन दिशा-निर्देशों में भौतिक मानकों के साथ-साथ वृद्धजन अनुकूल निर्माण के बारे बताया गया है। इन आदर्श दिशा-निर्देशों में वरिष्ठ नागरिकों तथा अवकाश प्राप्त लोगों व वृद्धजनों की विशेष जरूरतों का ध्यान रखा गया है। वरिष्ठ नागरिक (Senior citizen) या कोई भी व्यक्ति अपने माता-पिता के लिए रिटायरमेंट होम (Retirement home) में फ्लैट खरीद सकता है।
दिशा-निर्देशों के अनुसार/According to the guidelines-
रिटायरमेंट होम राष्ट्रीय भवन संहिता (एनबीसी), आदर्श भवन उप-नियम तथा दिव्यांजन व वृद्धजनों के निवास स्थान से संबंधित नियमों के अनुरूप होंगे।
वृद्धजन-अनुकूल भवन में निम्न सुविधाएं होंगी – ऑडियो वीडियो सुविधा तथा पहचानसूचक और संकेतक प्रणाली से युक्त लिफ्ट, व्हीलचेयर सुविधा, सीढि़यां, बाधारहित आवागमन की सुविधा, बाथरूम में और सीढि़यों पर गैर-फिसलन वाले टाइल्स का उपयोग, गैस-लीक खोज प्रणाली के साथ रसोईघर, पावर बैकअप सुविधा।
आदर्श भवन उप-नियम में दिए गए हरित भवन सिद्धांतों का अनुपालन, प्रदूषण मुक्त और नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग।
सामान्य सुविधाओं की व्यवस्था जैसे – चौबीसों घंटे जल और विद्युत आपूर्ति, भवन की स्वच्छता, इंडोर और आउटडोर मनोरंजन की सुविधाएं, सुरक्षा व स्वच्छता की सुविधा; हेल्पडेस्क ; परिवहन सुविधा; योग, व्यायाम और देखभाल सुविधा।
चौबीसों घंटे एम्बुलेंस सुविधा; निकट के अस्पताल और दवा दुकान से सहयोग अनिवार्य; चिकित्सा आपातकालीन कक्ष; निवासियों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, सीसीटीवी कैमरे तथा भवन की देखभाल करने वाले कर्मियों की पूर्व पुलिस जांच।
विशेष सेवाएं जैसे – निवास स्थान, रसोईघर और भवन की साफ-सफाई, कानूनी सहायता सुविधा आदि।
भारत में वरिष्ठ नागरिकों की आबादी 2001 में 7.6 करोड़ थी जो 2011 में बढ़कर 10.4 करोड़ हो गई है। यह आबादी 2025 में 17.3 करोड़ और 2050 में 24 करोड़ हो जाएगी। सदी की समाप्ति तक वरिष्ठ नागरिकों की आबादी देश की कुल आबादी के 34 प्रतिशत होने की उम्मीद है। आदर्श दिशा-निर्देशों की विशेषताएं निम्न हैं-
कोई भी व्यक्ति रिटायरमेंट होम में फ्लैट खरीद सकता है लेकिन फ्लैट में सिर्फ वरिष्ठ नागरिक ही रहेंगे।
रिटायरमेंट होम के निवासियों की उम्र 60 वर्ष या इससे अधिक होनी चाहिए।
रिटायरमेंट होम का निर्माण करने वाली कंपनी स्वयं भी भवन का रख-रखाव कर सकती है। कंपनी इस कार्य की जिम्मेदारी किसी अन्य कंपनी को भी दे सकती है। ऐसी कंपनी को राज्य में पंजीकृत होना आवश्यक है।
निर्माण कंपनियों के प्रोत्साहन कि लिए फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) को बढ़ाने की व्यवस्था भी की गई है।
रिटायरमेंट होम संबंधी नियम / Rules for Retirement Homes –
राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश के रियल एस्टेट प्राधिकरण में पंजीयन के पश्चात ही रिटायरमेंट होम के फ्लैटों की बिक्री की जा सकती है। निवासियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए ‘रिटायरमेंट होम निवासी/आवंटी के मूल अधिकार’ प्रपत्र भी तैयार किया गया है।
बिक्री पत्र तैयार करने के लिए त्रिपक्षीय समझौते की व्यवस्था की गई है। यह समझौता भवन निर्माण करने वाली कंपनी, सेवाप्रदाता कंपनी और आवंटी के बीच होगा।
दिशा-निर्देशों के कार्यान्वयन से रिटायरमेंट होम क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा तथा रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।