भोपाल। भारत सरकार का रेलवे भर्ती बोर्ड विवादों में घिर गया है। RRB EXAM लेवल 1 रिजल्ट को लेकर बवाल मच रहा है। इसमें 1090 उम्मीदवारों को 100% से ज्यादा नंबर दे दिए हैं। इनमें से ज्यादातर चंडीगढ़ के उम्मीदवार हैं। इस रिजल्ट से पूरे देश में सवाल गूंजने लगे हैं, किसी को फूल मार्क्स से ज़्यादा कैसे हासिल हो सकता है।
रिज़ल्ट सार्वजनिक होते ही सोशल मीडिया में हंगामा मचा हुआ है। रेल मंत्री से लेकर मंत्रायल और RRB तक से परीक्षा में शामिल छात्र सवाल पूछ रहे हैं कि किसी को फूल मार्क्स से ज़्यादा कैसे हासिल हो सकता है। इस परीक्षा में कुल 1090 छात्रों को 100 फ़ीसदी से ज़्यादा अंक हासिल हुए हैं। इनमें सबसे बड़ी संख्या चंडीगढ़ के केंद्रों से कंप्यूटर बेस्ट टेस्ट में शामिल हुए छात्रों की है, जहां 240 छात्रों को 100 फ़ीसदी से ज्यादा अंक हासिल हुए हैं।
NORMALIZATION के नाम पर घोटाले का लाइसेंस
दरअसल जिन छात्रों ने मूल रूप से 60 या इससे ज़्यादा अंक हासिल किए हैं नॉर्मलाइजेशन के बाद उन्हें कुल अंक 100 से ज़्यादा कर दिए गए। नॉर्मलाइजेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जो उम्मीदवारों को कभी समझ नहीं आई। ज्यादातर उम्मीदवार इसका विरोध करते हैं जबकि परीक्षा नियंत्रण इसके समर्थन में डटकर खड़े होते हैं। उम्मीदवारों का कहना है कि अधिकारियों को नॉर्मलाइजेशन के नाम पर घोटाले का लाइसेंस मिल गया है। नॉर्मलाइजेशन का कोई संतोषजनक लॉजिक नहीं होता, अधिकारी जैसे चाहें नॉर्मलाइजेशन कर सकते हैं।
रेलवे भर्ती बोर्ड ने लेवल-1 के 62907 पदों के लिए कंप्यूटर बेस्ट टेस्ट आयोजित किया था। इस परीक्षा के लिए 1 करोड़ 89 लाख आवेदन किए गए थे जिनमें 1 करोड़ 17 लाख परीक्षार्थी CBT में शामिल हुए थे। अब इसके लिए 1 लाख 80 हज़ार कैंडिडेट्स का चयन हुआ है जो फ़िज़िकल एफ़िसिएंसी टेस्ट में शामिल होंगे।