भोपाल। फीस जमा ना होने के कारण 9वीं की छात्रा को खड़े रहकर पेपर देने के लिए बाध्य करने आरोपी SARASWATI CO ED HIGHER SECONDARY SCHOOL BHOPAL को डीईओ की जांच में दोषी पाया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल की मान्यता रद्द करने की सिफारिश की है। स्कूल को सरकारी अनुदान दिया जाता था।
जांच रिपोर्ट की मुख्य बातें
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के निर्देश के बाद भोपाल के शाहजहाँनाबाद स्थित सरस्वती को-एड हायर सेकेण्डरी स्कूल की एक छात्रा को फीस नहीं दे पाने के कारण खड़े होकर परीक्षा देने के लिए मजबूर करने की जाँच रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कलेक्टर को सौंप दी गई है। रिपोर्ट में स्कूल को दिए जाने वाले अनुदान रोकने, धारा 75 और जे.जे. एक्ट 3 के तहत शासकीय शिक्षकों द्वारा परीक्षाएँ संचालित करने तथा छात्रा प्रेरणा प्रजापति को उसकी इच्छानुसार स्कूल में प्रवेश दिलाने और स्कूल की मान्यता रद्द करने की सिफारिश की गई है। मुख्यमंत्री द्वारा इस मामले को गंभीरता से लेने और पूरे मामले की जाँच करवाने के निर्देश के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने इस पूरे मामले की जाँच की है।
मामला क्या है
पीड़ित छात्रा 9वीं कक्षा में अध्ययनरत है। इस तरह की सजा के लिए प्राचार्य ने टीचर को आदेशित किया था। प्रिंसिपल का आदेश मानते हुए टीचर ने छात्रा को बैठने नहीं दिया। छात्रा ने कई बार गुजारिश की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। दो दिन तक प्रताड़ना सहने के बाद छात्रा ने पिता से शिकायत की। जिसके बाद उसे शुक्रवार को बैठकर पेपर देने दिया गया।