मुंबई। यदि आप भारतीय स्टेट बैंक (STATE BANK OF INDIA) के खाताधारक हैं। चाहे आपके पास बचत खाता (SAVING ACCOUNT) हो या फिर आपने एसबीआई से लोन (LOAN ACCOUNT) लिया हो तो आपका अकाउंट आरबीआई की रेपो दर से लिंक कर दिया गया है। इससे आपके ब्याज और मासिक किस्त पर सीध असर नजर आएगा।
ने अपनी जमा दरों और छोटी अवधि के कर्ज की दरों को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की रेपो दर से जोड़ने की घोषणा की है। यह अपनी तरह का पहला मामला है, जब किसी बैंक ने अपनी ब्याज दर को रेपो दर से जोड़ा है। बैंक ने कहा कि नई दरें एक मई से प्रभावी होंगी। नई दर का लाभ हालांकि उन्हीं बचत कर्ताओं को मिलेगा, जिनका अकाउंट बैलेंस एक लाख रुपये से अधिक है।
बैंक के इस कदम से आरबीआई की नीतिगत ब्याज दर में होने वाली कटौती या बढ़ोतरी को ग्राहकों तक पहुंचाने की प्रक्रिया में तेजी आएगी। बैंक अब तक आरबीआई की दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों तक तुरंत नहीं पहुंचा पा रहे थे, जिस पर आरबीआई ने कई बार नाराजगी जताई थी। बैंक ने एक बयान में कहा कि हम जमा दर और छोटी अवधि के ऋण की ब्याज दर को आरबीआइ की रेपो दर से जोड़ने में अग्रणी रहे हैं।
आरबीआई की रेपो दर अभी 6.25 फीसद है। बैंक ने कहा कि उसने एक लाख रुपये से अधिक के सभी कैश क्रेडिट अकाउंट्स और ओवरड्राफ्ट को भी रेपो दर से जोड़ने का फैसला किया है। इसके तहत फ्लोर रेट रेपो दर से 2.25 फीसद अधिक होगा। इसके ऊपर ग्राहक के रिस्क प्रोफाइल के आधार पर मौजूदा पद्धति से हर ग्राहक के लिए दर तय होगी।
बैंक ने कहा कि छोटे बचत कर्ताओं और कर्जधारकों को दर में उतार-चढ़ाव से सुरक्षा देने के लिए एक लाख रुपये तक की जमा और कर्ज की दर को रेपो दर से नहीं जोड़ा गया है।