इंदौर। जिला उपभोक्ता फोरम (Consumer Forum) ने कोकाकोला कंपनी (Coca-Cola Company) पर 25 हजार रुपए जुर्माना (Fines) लगाया है। कंपनी द्वारा बनाई जाने वाली स्प्राइट (SPRITE cold drinks) की बोतल में 10 साल पहले कीड़ा (Worm) निकला था। खरीदार ने इसकी शिकायत की लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो उसने कंपनी के खिलाफ फोरम में परिवाद दायर कर दिया। फोरम ने परिवाद में फैसला (Decision) सुनाते हुए माना कि खरीदार ने एक जागरूक उपभोक्ता का फर्ज निभाया है। वह जागरूक नहीं होता तो कीड़ा किसी के पेट में जा सकता था और उसकी तबीयत बिगड़ सकती थी।
रुक्मिणी नगर निवासी नवीन पिता सूरजमल जैन ने 9 सितंबर 2008 को वैष्णव स्टेडियम (Vaishnav Stadium) स्थित राज इंटरप्राइजेस (Raj Enterprises) से कोकाकोला कंपनी द्वारा बनाई जाने वाली स्प्राइट की 12 बोतल खरीदी थी। यह खरीदी उन्होंने बच्चे के जन्मदिन के लिए की थी। घर जाकर उन्होंने देखा कि स्प्राइट की एक बोतल में कीड़ा तैर रहा है। वे तुरंत दुकानदार के पास शिकायत करने पहुंचे। दुकानदार ने उनसे कहा कि आपको जो भी शिकायत करना है कंपनी से करो। कंपनी हमें जैसे बोतल देती है हम बेच देते हैं। दुकानदार ने यह भी बताया था कि यह बोतल उसने मित्तल एजेंसी (Mittal Agency) से खरीदी थी। नवीन जैन (Naveen Jain) ने कंपनी में भी मामले की शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
इस पर उन्होंने एडवोकेट रमाकांत शर्मा (Advocate Ramakant Sharma) के माध्यम से जिला उपभोक्ता फोरम में कंपनी के खिलाफ परिवाद दायर किया। उपभोक्ता फोरम अध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा ने स्प्राइट बनाने वाली कोकाकोला कंपनी पर 25 हजार रुपए जुर्माना लगाया। यह रकम परिवादी को मानसिक संताप के एवज में मिलेगी। फैसले में कोर्ट ने माना कि नवीन जैन ने एक जागरूक उपभोक्ता का परिचय दिया है।
इस बात की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि लापरवाही होती तो कीड़ा किसी के पेट में चला जाता और उससे उस व्यक्ति की तबीयत बिगड़ सकती थी। विपक्षीगण ने कीड़े युक्त बोतल बेचकर सेवा में त्रुटि की है। इसके चलते फरियादी को मानसिक संताप हुआ है। फैसले में कोर्ट ने कंपनी को परिवादी को 8 रुपए वापस करने का आदेश भी दिया। यह रकम परिवादी ने स्प्राइट की बोतल खरीदने पर खर्च की थी।