भोपाल। चुनावी राजनीति से सन्यास और सुरक्षित सीट की सौदेबाजी के बीच भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने शुक्रवार को स्थिति स्पष्ट करते हुए नया बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वो लोकसभा का चुनाव जरूर लड़ेंगी परंतु 2019 का नहीं। इसके पीछे उन्होंने कारण भी स्पष्ट किया है।
59 वर्षीय उमा ने बताया ‘‘मैंने 2016 में कहा था कि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगी, क्योंकि मुझे गंगा के तटों पर बसे तीर्थस्थानों पर जाना है। अगर मैं चुनाव लड़ती तो मैं झांसी से ही लड़ती। मैं अपना निर्वाचन क्षेत्र कभी नहीं बदल सकती। वहां के लोगों को मुझ पर गर्व है और वह मुझे अपनी बेटी जैसा मानते हैं। उमा ने यह भी कहा कि वह 2024 का चुनाव लड़ेंगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी ‘‘शानदार बहुमत’’ हासिल करेगी।
उन्होंने कहा कि उन्होंने आगामी चुनाव न लड़ने के अपने फैसले से भाजपा महासचिव (संगठन) रामलाल को अवगत करा दिया था। रामलाल ने उनसे तीर्थयात्रा के लिए जाने से पहले पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करने को कहा था। उमा ने कहा कि वह पांच मई तक भाजपा के लिए चुनाव प्रचार करेंगी। उन्होंने कहा ‘‘पार्टी ने मुझे मुख्यमंत्री पद से ले कर कैबिनेट मंत्री के पद तक बहुत कुछ दिया है। मैंने भाजपा के अध्यक्ष पद को छोड़ कर लगभग सभी संगठनात्मक दायित्व संभाले हैं। यह मेरा दायित्व है कि पार्टी को शर्मिन्दा न होने दूं। मैं पांच मई तक चुनाव प्रचार करूंगी।
मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं
2003 में बीजेपी ने उमा भारती के नेतृत्व में ही कांग्रेस के दस साल के शासन को खत्म किया था। इसके बाद वह मुख्यमंत्री बनी थीं, लेकिन बाद एक मुकद्मे में नाम आने के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद पार्टी ने शिवराज सिंह चौहान को सीएम बना दिया था। इससे खफा होकर उन्होंने नई पार्टी का गठन कर लिया था। हालांकि थोड़े समय बाद ही उनकी पार्टी का बीजेपी में विलय हो गया था।