हिटलर ने किन मुद्दों पर चुनाव लड़ा था | What were Hitler's electoral issues

अडोल्फ हिटलर का नाम कौन नहीं जानता। एक वक्त था जब सारा जर्मनी हिटलर के पीछे नजर आता था और आज इतिहास में 'हिटलर' नाम तानाशाही का प्रतीक माना जाता है। आइए जानते हैं हिटलर का राजनीतिक जीवन कैसा था, हिटलर के चुनावी मुद्दे क्या थे, हिटलर कम समय में इतना लोकप्रिय कैसे हो गया था और यदि हिटलर देशभक्त था तो फिर उसे तानाशाह क्यों कहा जाता है। 

क्या हिटलर बचपन से ही प्रतिभावान था | Has Hitler been brilliant since childhood

अडोल्फ हिटलर का ​जन्म आस्ट्रिया के वॉन नामक स्थान पर 20 अप्रैल 1889 को हुआ। पिता की मृत्यु के पश्चात् 17 वर्ष की अवस्था में वो वियना चला गया। आर्ट स्कूल में एडमिशन परीक्षा पास नहीं कर पाया तो पोस्टकार्डों पर चित्र बनाकर अपना निर्वाह करने लगे। जब प्रथम विश्वयुद्ध प्रारंभ हुआ तो सेना में बड़ी संख्या में भर्ती की गई। हिटलर भी भर्ती हो गया। 1918 ई. में युद्ध में जर्मनी की पराजय हुई। इस युद्ध में हिटलर भी घायल हुआ। 

हिटलर ने अपनी राजनीतिक पार्टी कैसे बनाई | How Hitler made his political party

जर्मनी की पराजय के बाद पूरे देश में हताशा का माहौल था। इसी दौरान हिटलर ने नाजी दल की स्थापना की। उसने यहूदियों को प्रथम विश्वयुद्ध की हार के लिए दोषी ठहराया। उसने बार-बार अपने भाषणों से नाजी दल के कार्यकर्ताओं को विश्वास दिलाया कि उनका दल ही देशभक्त है। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण जब नाजी दल के नेता हिटलर ने अपने ओजस्वी भाषणों में उसे ठीक करने का आश्वासन दिया तो अनेक जर्मन लोग उसकी पार्टी में सदस्य बन गए। 

क्या हिटलर कभी असफल भी हुआ | Did Hitler ever fail

इस प्रकार 1922 ई. में हिटलर जर्मनी देश का एक प्रभावशाली व्यक्ति हो गया। समाचारपत्रों के द्वारा हिटलर ने अपने दल के सिद्धांतों का प्रचार जनता में किया। भूरे रंग की पोशाक पहने सैनिकों की टुकड़ी तैयार की गई। लोगों के अपार समर्थन से उत्साहित हिटलर ने 1923 ई. में जर्मन सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश की लेकिन असफल रहा। सरकार ने उसे जेल में डाल दिया। 

जेल में क्या करता था हिटलर | What did Hitler do in prison

जेल में रहत हुए हिटलर ने मीन कैम्फ ("मेरा संघर्ष") नामक अपनी आत्मकथा लिखी। इसमें नाजी दल के सिद्धांतों को सूचीबद्ध किया। उन्होंने लिखा कि आर्य जाति सभी जातियों से श्रेष्ठ है और जर्मन आर्य हैं। उन्हें विश्व का नेतृत्व करना चाहिए। यहूदी सदा से संस्कृति में रोड़ा अटकाते आए हैं। जर्मन लोगों को साम्राज्य विस्तार का पूर्ण अधिकार है। फ्रांस और रूस से लड़कर उन्हें जीवित रहने के लिए भूमि प्राप्ति करनी चाहिए।

हिटलर ने सत्ता पर अधिकार कैसे किया | How did Hitler rule over power

1930-32 में जर्मनी में बेरोज़गारी बहुत बढ़ गई। संसद् में नाजी दल के सदस्यों की संख्या 230 हो गई। 1932 के चुनाव में हिटलर को राष्ट्रपति के चुनाव में सफलता नहीं मिली। जर्मनी की आर्थिक दशा बिगड़ती गई। सरकार तनाव में थी। 1933 में चांसलर बनते ही हिटलर ने जर्मन संसद् को भंग कर दिया, साम्यवादी दल को गैरकानूनी घोषित कर दिया और घोषित कर दिया कि वह यह सबकुछ जर्मनी को आत्मनिर्भर बनाने के​ लिए कर रहा है। 

देशभक्त हिटलर तानाशाह कैसे हुआ | How Hitler became a dictator with a patriot

देश की भलाई के नाम पर हिटलर ने मनमाने आदेश देना शुरू कर दिए। वो अपने हर आदेश को देश के हित में बताने लगा और उसका व्यापक प्रचार प्रसार करवाता था। इसी के साथ उसका विरोध करने वालों को गिरफ्तार कर लिया जाता था। जनता में ऐसे लोगों को देशद्रोही बताया जाता था। कार्यकारिणी और कानून बनाने की सारी शक्तियाँ हिटलर ने अपने हाथों में ले लीं। 1934 में उन्होंने अपने को सर्वोच्च न्यायाधीश घोषित कर दिया। उसी वर्ष हिंडनबर्ग की मृत्यु के पश्चात् वो राष्ट्रपति बन बैठा। 

हिटलर को हत्यारा क्यों कहते हैं | Why is Hitler called killer

हिटलर के राष्ट्रपति बनते ही नाजी दल का आतंक जनजीवन के प्रत्येक क्षेत्र में छा गया। 1933 से 1938 तक लाखों यहूदियों की सरेआम हत्या कर दी गई। नवयुवकों को यह विश्वास दिलाया गया कि राष्ट्रपति अडोल्फ हिटलर के हाथों में ही जर्मन सुरक्षित है अन्यथा प्रथम विश्व​युद्ध जैसी हालत हो जाएगी। जर्मन लोगों का भविष्य बनाने के नाम पर सत्ता की सारी शक्तियां हिटलर ने अपने हाथ में ले लीं। देश का सबसे ताकतवर इंसान बनने के बाद वो दुनिया का सबसे ताकतवर व्यक्ति बनना चाहता था। इसके लिए उसने काफी रणनीतियों का इस्तेमाल किया। दुनिया के कई देशों से संबंध बनाए और जर्मनी की सैन्य शक्ति का विकास करता चला गया। उसकी यही नीति द्वितीय विश्वयुद्ध का कारण बनी जिसमें जर्मनी तबाह हो गया और हिटलर हमेशा के लिए बदनाम। 

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