नई दिल्ली। कंगाल हो चुकी पाकिस्तान सरकार सर पर चढ़े कर्ज को चुकाने के लिए अब केंद्रीय मंत्रालयों की बिना-इस्तेमाल के पड़ी सम्पत्तियों की बिक्री करने का फैसला किया है। यह जानकारी पाकिस्तानी मीडिया की ओर से आ रहीं हैं। इन खबरों के मुताबिक यह निर्णय प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। पाकिस्तान पर इस समय 27,000 अरब पाकिस्तानी रुपये के बराबर कर्ज का बोझ है।
सूचना मंत्री फवाद चौधरी के हवाले से कहा गया है कि मंत्रालयों और संबंधित विभागों की केवल वही सम्पत्तियां बेची जाएंगी जो बिना किसी इस्तेमाल के पड़ी हैं। अखबार डान ने उनके हवाले से कहा है कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने ऐसी सम्पत्तियों की सूची मंगवायी है। बिक्री के लिए निजीकरण मंत्रालय की ओर से एक सम्पत्ति प्रबंधन कंपनी बनायी गयी है।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की एक रपट के अनुसार निजीकरण आयोग को ऐसी 45,000 से अधिक सम्पत्तियों की सूची पहले ही हासिल हो चुकी है। हालांकि, इनमें से ज्यादातर को लेकर विवाद है। नियमों में ढील दिये जाने के बावजूद संपत्तियों की पहली बिक्री में कम से कम छह माह का समय लग सकता है।