भोपाल। प्रदेश के पेंशनरों को निर्वाचन आयोग की मंजूरी के बाद डीआर 4% बढ़ाकर 9% होने से कर्मचारियों एवं पेंशनरों का अंतर तो पट गया पर केन्द्र एवं पडोसी राज्य यूपी, राजस्थान के 12% के मुकाबले 3% कम 9% डीए-डीआर की खाई कायम होने से अटक गये है।
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने कहा कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने कर्मचारियों एवं पेंशनरों को डीआर-डीए बढ़ाकर 9% तक किया है, लेकिन चालू किश्त जनवरी 2019 से 3% पर अनिर्णय की स्थिति बनी हुई है। पेंशनरों एवं कर्मचारियों में केन्द्र एवं यूपी, राजस्थान में डीआर-डीए बढ़ने के बाद आशा जगी थी कि सरकार इस पर सहानुभूति पूर्वक निर्णय लेकर निर्वाचन आयोग से सहमति लेकर भुगतान का मार्ग प्रशस्त करेगी। सरकार की चुप्पी से पेंशनरों एवं कर्मचारियों में गहरी नाराजगी व आक्रोश व्याप्त है।
लोकसभा चुनाव प्रक्रियाधिन होकर 25 मई 2019 तक आचार संहिता प्रभावी रहेगी। ऐसे में सरकार से निवेदन है कि निर्वाचन आयोग से सहमति लेकर पेंशनरों एवं कर्मचारियों को एकसाथ लंबित डीआर-डीए का भुगतान का मार्ग प्रशस्त करे। जुलाई 2019 से फिर मूल्य सूचकांक आधारित डीआर/ डीए देय हो जाएगा। अभी भी सरकार पर भरोसा कायम है आखिर हो भी क्यों ना "आशा पर आसमान टीका है।"