भोपाल। बिजली कटौती के संदर्भ में इंटेलीजेंस रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट के अनुसार ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाले जिलों में 15 घंटे तक की बिजली कटौती की गई, जबकि अन्य इलाकों में 4 से 6 घंटे की कटौती की गई। चौंकाने वाली बात यह है कि यह कटौती सीएम कमलनाथ और ऊर्जा मंत्री प्रियवत सिंह के निर्वाचन क्षेत्रों में भी की गई।
याद दिला दें कि 2003 में जब दिग्विजय सिंह सरकार के खिलाफ जनादेश आया था, तब भी मुद्दा अघोषित बिजली कटौती ही थी। 16 साल बाद जब मध्यप्रदेश में फिर से कांग्रेस सरकार आई तो फिर वही हालात पैदा होने लगे हैं। मार्च से जारी कटौती के तहत पिछले सप्ताह भी 18 जिलों में ट्रिपिंग और मेंटेनेंस के नाम पर अघोषित बिजली कटौती की गई।
सिंधिया के इलाकों में 15 घंटे की कटौती
चंबल-ग्वालियर के चार जिले श्योपुर, मुरैना, ग्वालियर, दतिया में तो 15 घंटे तक बिजली काटी गई। अब बिजली कंपनियों का कहना है कि ग्वालियर जिले में 1 लाख 48 हजार मीटर खराब हैं, जिनसे रीडिंग नहीं हो पा रही है। ऐसे हालात में बिजली कटौती के अलावा कंपनी के पास कोई विकल्प नहीं है। हालांकि इस तरह की कोई दलील कंपनियों ने विधानसभा चुना तक नहीं दी थी।
खुफिया रिपोर्ट: जनता बहुत नाराज है
अपर मुख्य सचिव आईसीपी केसरी ने मंगलवार को सभी जिलों के अधीक्षण यंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी की है। खुफिया एजेंसी ने भी सरकार को एक रिपोर्ट सौंपकर बताया कि प्रदेश भर में अघोषित बिजली कटौती की जा रही है। जिसके कारण जनता में नाराजी है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बिजली संकट ने सरकार को सतर्क कर दिया है।
इन जिलों में चार से छह घंटे कटौती
बिजली कंपनी द्वारा सरकार को भेजी जानकारी में बताया गया कि भोपाल, जबलपुर, शहडोल, सागर, अनूपपुर, नरसिंहपुर, डिंडौरी एवं उमरिया ऐसे जिले हैं जहां के ग्रामीण अंचल में चार से छह घंटे बिजली कटौती की गई।
कमलनाथ के छिंदवाड़ा में भी अघोषित कटौती
मुख्यमंत्री कमलनाथ के छिंदवाड़ा जिले के ग्रामीण इलाके में भी बिजली कंपनियों ने छह से सात घंटे की अघोषित बिजली कटौती कर ली। इसके अलावा बालाघाट, टीकमगढ़, हरदा एवं मंडला में इतनी अवधि तक बिजली काटी गई।
छिंदवाड़ा में जेई सस्पेंड, डीई को नोटिस
उधर, अघोषित बिजली कटौती को लेकर बिजली कंपनी के चीफ इंजीनियर प्रकाश दुबे ने छिंदवाड़ा जिले की समीक्षा की तो पता चला कि चांद-चौरई, कपुरदा एवं बिछुआ सहित कई क्षेत्रों में बिजली की शिकायतें सही पाई गईं। इसके बाद एक जेई मनोज तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया। पांढुर्ना के डीई को नोटिस जारी किया गया है।
मंत्री ने इंटेलीजेंस की रिपोर्ट को गलत बताया
इंटेलीजेंस की रिपोर्ट में जो बात आई है, उसमें और बिजली कंपनियों की मॉनीटरिंग रिपोर्ट में काफी अंतर है। इस बारे में सीएम से बात करूंगा। आंधी-तूफान के कारण कहीं-कहीं शटडाउन करना पड़ता है। कहीं भी नियमित रूप से अघोषित कटौती नहीं की जा रही है। खंडवा, इंदौर, धार, बड़वानी, विदिशा की शिकायतें आई थीं, जिन्हें तत्काल ठीक कर बिजली आपूर्ति जारी कर दी गई। जहां जानबूझकर अफसरों द्वारा लापरवाही की जा रही है, वहां हम एक्शन ले रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में मेरे क्षेत्र के जेई को भी सस्पेंड किया जा रहा है।
प्रियव्रत सिंह, ऊर्जा मंत्री