भोपाल। कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह अब प्रतिदिन सुबह अपना बयान जारी कर देते हैं और काम पर निकल जाते हैं। विवादित बयानों ने उन्होंने खुद को दूर कर लिया है। वो अपनी छवि बदलने की कोशिश में जुटे हुए हैं। नर्मदा परिक्रमा के बाद यह चुनाव उनके जीवन का शायद सबसे चुनौतीपूर्ण समय है। आइए पढ़ते हैं आज दिग्विजय सिंह ने क्या कहा:
समभाव का तानाबाना भोपाल की पहचान है
नमस्कार। देश के ह्रदय प्रदेश की धड़कन अपनी भोपाल नगरी है/राजा भोज से जुड़ी गाथा इसकी, नवाबों की सरपरस्ती पाई है/भोजपुर इसका गौरव, बड़े ताल की खूबसूरती संजोई है/सांची इसका ध्येय है तो ताज महल- इस्लाम नगर से रौनक आई है/ यहां उर्दू संग घुली हिन्दी, मीठी अपनी बोली, अपनी वाणी है।..भोपाल की यही खूबसूरती है। समभाव का तानाबाना इसकी पहचान है। ऐसी पहचान जो पुरखों ने विरासत के रूप में हमें सौंपी है।
सौहार्द के सांचे में विकास को बुनें
हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस विरासत को सहेजें, पोषित करें और सौहार्द्र के सांचे में विकास को बुनें। विकास की दौड़ में हमारी संस्कृति, हमारी पहचान धूमिल न हो जाए। ...इस चुनौती को स्वीकार कर, भोपाल को भोपाल बनाये रखते हुए इसके विकास का लक्ष्य लेकर,मां नर्मदा के आशीर्वाद और भोपाल की जनता के स्नेह व समर्थन से मैं आज दोपहर 2 बजे नामांकन दाखिल कर रहा हूँ।
दुनिया भर से रोजगार यहां लाएंगे
हमारी कोशिश होगी कि भोपाल अपने नैसर्गिक सौन्दर्य, अपनी सांस्कृतिक पहचान एवं शांत वातावरण के साथ एक आधुनिक भोपाल बने। एक ग्लोबल सिटी हो, जहाँ हम दुनियाभर से रोज़गार अपने यहाँ ला सकें। अपना प्यारा भोपाल हमेशा हमें गर्व के साथ सिर ऊँचा रखने का अवसर दे। आपके समर्थन का आकांक्षी हूँ।