नई दिल्ली। व्यापमं घोटाले (VYAPAM SCAM IMPACT) के बाद देश भर में लोगों को भरोसा हो गया है कि रिश्वत देकर सरकार नौकरी (BRIBE FOR GOVERNMENT JOB) के लिए आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं (COMPETITIVE EXAM) में पास हुआ जा सकता है। भारतीय रेल के लिए रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (RAILWAY RECRUITMENT BOARD) द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं (ELIGIBILITY TEST) में भी इसी तरह की ठगी (FRAUD) का मामला सामने आया है। एसटीएफ ने निलंबित खाद्य निरीक्षक समेत पांच जालसाजों को गोमतीनगर, उत्तरप्रदेश से गिरफ्तार कर इस रैकेट का खुलासा किया है। उनके छह साथी भाग निकले। जालसाजों के पास से बड़ी संख्या में सरकारी विभागों की मुहरें, प्रवेशपत्र व फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं।
लखनऊ एसएसपी (एसटीएफ) अभिषेक सिंह ने रविवार को बताया कि जालसाज सरकारी विभागों से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर बेरोजगारों को अपना शिकार बनाते थे। बिहार निवासी सर्वजीत वेबसाइट डिजाइन करता था। ये लोग अभ्यर्थियों को यह भी झांसा देते थे कि वे सरकारी विभागों की भर्ती से जुड़े रिजल्ट को हैक करके उन्हें पास करवा देंगे। इन लोगों ने विधानसभा मार्ग पर राष्ट्रीय पशु एंव डेयरी विकास परिषद का फर्जी भर्ती दफ्तर खोल रखा था। इसके अलावा प्रयागराज और वाराणसी में भी अपने दफ्तर बना रखे थे। गैंग के लोग पशु एवं डेयरी विकास, गुप डी, पुलिस सिपाही भर्ती, ग्राम विकास अधिकारी, नलकूप विभाग, बीएसएनएल व एफसीआई में भर्ती करवाने का झांसा देते थे।
इस गैंग ने रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड की फर्जी वेबसाइट (rrbresult.org.in) बनाकर कुछ माह पहले हुई रेलवे भर्ती में फेल हुए करीब 200 लोगों को यह कहकर झांसा दिया कि वे रेलवे की वेबसाइट को हैक करके उन्हें पास करा देंगे। फिर जालसाजों ने फेल हुए लोगों को अपनी फर्जी वेबसाइट में पास दिखा दिया। इनमें से कई लोगों ने गैंग के झांसे में आकर उन्हें लाखों रुपये दे दिए।
ये हुए गिरफ्तार
निलंबित खाद्य निरीक्षक जानकीपुरम निवासी रविकांत शर्मा, गोमतीनगर के खरगापुर की गीता कॉलोनी का धीरेंद्र कुमार गुप्ता, इंदिरानगर की मानस सिटी का वशिष्ठ तिवारी, जानकीपुरम का दिग्विजय सिंह, चिनहट का गिरिजाशंकर उर्फ दीपक शर्मा
ये हैं फरार
बिहार निवासी सर्वजीत, एटा का मानवेन्द्र, आंबेडकरनगर का गिरीश वर्मा, बिजनौर के सुमित गौतम व अंकित और जौनपुर का संजीव मिश्रा
बरामदगी
50 चेक, 100 शैक्षणिक प्रमाणपत्र व दस्तावेज, प्रवेशपत्र, अलग-अलग विभागों की 14 मोहरें व 20 आधी बनी मोहरें, 10 मोबाइल फोन, दो आधार कार्ड, पांच एटीएम, एक पैन कार्ड, तीन चार पहिया वाहन, 8140 रुपये व राष्ट्रीय पशु एवं डेयरी विकास परिषद के फर्जी दस्तावेज।