यूं तो बेसहारा जानवरों या इंसानों को भोजन कराना पुण्य का काम माना जाता है परंतु आवारा कुत्तों को सोसाइटी में बुलाकर खाना खिलाना सोसाइटी के नियमानुसार अपराध माना गया और महिला नेहा दतवानी पर जुर्माना लगाया गया। नेहा ने भी सोसाइटी के नियम नहीं माने, वो आवारा कुत्ते बुलाती रही और सोसाइटी जुर्माना बढ़ाती रही। अब यह जुर्माना 3.5 लाख रुपए हो गया है।
नेहा दतवानी कांदीवली ईस्ट की निसर्ग हैवेन को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी में रहती है। आवारा कुत्तों को सोसाइटी परिसर के अंदर खिलाने-पिलाने पर सोसाइटी ने उसपर 2500 रुपये का जुर्माना लगाया गया था। मुंबई मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल मई महीने में सोसाइटी की मीटिंग में यह फैसला लिया गया था, ताकि सोसाइटी परिसर में आवारा कुत्तों से होने वाले खतरों पर नियंत्रण रखा जा सके।
नेहा का कहना है कि कुत्तों को खिलाने को लेकर उसपर सोसाइटी का 3.60 लाख रुपया बकाया है। इसके अलावा जुर्माने पर 21 फीसदी का ब्याज भी लगाया गया है। फरवरी महीने के मेंटेनेंस बिल के साथ यह राशि जोड़कर उसके पास भेजी गई थी। हालांकि नेहा ने मेंटेनेंस बिल का पैसा तो दे दिया था, लेकिन जुर्माना देने से उसने साफ मना कर दिया था। नेहा दतवानी के अलावा सोसाइटी में रहने वाले केतन शाह पर भी जुर्माना लगाया गया था।
नेहा ने इस समस्या से निजात पाने के लिए एक समाजसेवी की मदद ली है। नेहा ने बताया कि वह जुर्माना तो किसी भी स्थिति में नहीं भरेंगी, क्योंकि वो कानूनी रूप से सही हैं। सोसाइटी के चेयरमैन मितेश वोरा का कहना है कि यहां 194 फ्लैट्स सहित करीब 228 घर हैं। कई लोगों ने कुत्तों को लेकर उनसे शिकायत की थी कि वह सोसाइटी परिसर में गंदगी फैलाते हैं और लोगों पर हमला भी करते हैं। इसी को लेकर ऐसा नियम बनाया गया था।