भोपाल। प्रदेश के 4.67 पेंशनर्स का डीआर (महंगाई राहत) बढ़ाने के मामले में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने चुनाव आयोग को जवाब भेज दिया। इसमें साफ किया गया है कि डीआर देना नियमित प्रक्रिया है। बताया जा रहा है कि इस जवाब के बाद आयोग डीआर देने पर सरकार को जल्द ही अनुमति दे सकता है। उधर, पेंशनर्स एसोसिएशन ने प्रस्ताव के अनावश्यक उलझने को भेदभाव बताते हुए जल्द अनुमति देने की मांग उठाई है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने पेंशनर्स को दो प्रतिशत डीआर देने का आदेश जारी कर दो फीसदी और बढ़ाने की मध्यप्रदेश से सहमति मांगी थी। प्रदेश के वित्त विभाग की ओर से सहमति देने के साथ राज्य के पेंशनर्स का जनवरी और जुलाई 2018 का डीआर बढ़ाने का प्रस्ताव चुनाव आयोग की अनुमति के लिए भेजा गया था।
आयोग ने अनुमति देने की जगह इसको लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से उसकी राय पूछी। सूत्रों के मुताबिक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने आयोग को भेजे जवाब में बताया है कि डीआर बढ़ाया जाना एक नियमित प्रक्रिया है। इस जवाब के बाद संभावना जताई जा रही है कि एक-दो दिन में आयोग से आदेश जारी करने की अनुमति मिल जाएगी।
उधर, पेंशनर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गणेशदत्त जोशी ने सीईओ कार्यालय को ऑनलाइन शिकायत करते हुए कहा कि आयोग पेंशनर्स के साथ भेदभाव कर रहा है। यह कोई नीतिगत मुद्दा नहीं है। किसी को कोई अतिरिक्त लाभ भी नहीं दिया जा रहा है। यह एक नियमित प्रक्रिया है। इसके पहले भी आम चुनाव के वक्त आयोग अनुमति देता रहा है। उत्तरप्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनर्स को एक जनवरी 2019 से तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता और राहत देने की स्वीकृति आयोग दे चुका है।