भिंड। मुरैना के अंबाह से रविवार को यहां के गोरमी कस्बे में बारात आई। शाम को जनवासे से धूमधाम से बारात निकली। दूल्हे ने दुल्हन को वरमाला पहनाई। बाकी कार्यक्रम हुए। इसके बाद सोमवार सुबह पंडित ने दूल्हा दुल्हन को फेरे कराए। छह फेरे हो चुके थे। सातवें फेरे से पहले दूल्हा ने लघुशंका का बहाना बनाया और दहेज में मिली बाइक लेकर फरार हो गया। वाकया सोमवार सुबह का है। देर शाम तक जब दूल्हा लौटकर नहीं आया तो लड़की और लड़का पक्ष के लोग गोरमी थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे।
गोरमी निवासी सुखराम कुशवाह ने अपनी बेटी की शादी मुरैना के अंबाह निवासी रामनरेश कुशवाह के बेटे प्रमोद से तय की थी। 21 अप्रैल, रविवार को सुखराम के यहां बारात आनी थी। दोनों ही परिवारों में शादी को लेकर बेहद खुशी थी। रविवार की रात नौ बजे बारात गोरमी पहुंची। रात 12 बजे दूल्हा दुल्हन ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई। खाना पीना हुआ।
सोमवार की सुबह आठ बजे दूल्हा-दुल्हन को भांवरों (फेरों) के लिए मंडप के नीचे बुलाया गया। छह फेरे हो गए थे। सातवें फेरे से पहले दूल्हा प्रमोद ने पंडित से पांच मिनट में आने की कहा। घर के बाहर उसने शादी में मिली बाइक की चाबी रिश्तेदार से ली और उस पर बैठकर जनवासे (बारात ठहरने का स्थान) तक जाने की बात कहकर वहां से चला गया।
काफी देर तक प्रमोद लौटकर नहीं आया तो उसकी तलाश की गई। लेकिन, वह नहीं मिला तो उसके मोबाइल पर फोन लगाया, लेकिन वह भी स्विच ऑफ बताने लगा। अचानक दूल्हा के बिना बताए चले जाने के बाद पूरा परिवार चिंता में डूब गया है। वहीं दुल्हन भी यह समझ नहीं पा रही है कि आखिर ऐसी क्या वजह रही कि प्रमोद उसे यूं छोड़कर चला गया।
इस घटना के बाद सुखराम के परिवार ने बारात तो विदा कर दी। लेकिन, प्रमोद के पिता रामनरेश, चाचा, फूफा सहित अन्य मुख्य रिश्तेदार रुक गए। देर शाम तक प्रमोद के वापस आने का इंतजार किया गया। लेकिन जब वह लौटकर नहीं आया तो रात आठ बजे के करीब लड़की और लड़के पक्ष के लोग थाने में शिकायत करने पहुंचे।