राजगढ़ में 7.50 लाख गरीबों के हिस्सों का गेंहू खराब हो गया | RAJGARH MP NEWS

अब्दुल वसीम अंसारी/राजगढ़। प्रशासनिक लापरवाही के कारण राजगढ़ में करीब 7.50 लाख गरीबों के हिस्सों का गेंहू खराब हो गया। सरकार ने यह गेंहू गरीबों को, छात्रावासों में और सरकारी योजनाओं के तहत वितरित करने के लिए खरीदा था। सरकार ने 15 अप्रैल को चेतावनी जारी कर दी थी परंतु राजगढ़ के प्रशासन ने उस चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया और 16 अप्रैल को हुई बारिश में पूरा गेंहू खराब हो गया। कुल 18000 मैट्रिक टन अनाज खराब हुआ है। इसकी मात्रा इतनी है कि यदि 2 किलो प्रतिमाह की सरकारी मान से तौला जाए तो 7.50 लाख लोग एक साल तक इन अनाज का उपयोग कर सकते थे। 

मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में तेज़ आंधी के साथ बारिश के चलते राजगढ़ वेयर हाउस के खुले केप में रखे आनाज के पुख्ता इंतजाम न होने अथवा वेयर हाउस प्रभारी की लापरवाही के कारण आनाज गीला होकर बारिश के पानी की भेंट चढ़ गया। ये कोई पहला मामला नही है, कई बार विवादों में रहे राजगढ वेयर हाउस प्रभारी की लापरवाही कई बार सामने आ चुकी है मग़र जिम्मेदार अधिकरियों के कान में जूं तक नही रेंगती क्योंकि भोपाल में बैठे अधिकारी राजगढ़ के लापरवाहों पर कोई कार्रवाई नहीं करते। 

मामला है राजगढ़ जिले के राजगढ़ वेयर हाउस का जहाँ प्रभारी की मनमानी कहें या लापरवाही साफ रूप से दिखाई दे रही है। राजगढ़ वेयर हाउस  के सुंदरपुरा केप पर खुले में रखे  अनाज  कैसे गीला हो गया। रविवार-सोमवार की दरमियानी रात को मौसम ने दस्तक दी और मौसम ने अचानक करवट भी बसली, वेयरहाउस प्रभारी को इन आनाजो के लिए पुख्ता इंतजाम करना चाहिए था मगर पूरी रात व पूरा दिन बीत जाने के बाद भी वेयरहाउस प्रभारी सुंदरपुरा स्थित खुले केप पर रखे अनाज के बचाव के पुख्ता इंतजाम नही कर पाए और मंगलवार को शाम को हुई तेज बारिश के चलते खुले में रखा अनाज गीला हो गया। जबकि आनाज को बचाव के लिए त्रिपाल से ढका जाता है। त्रिपाल से ढककर अनाज को गीला होने से बचाया का जा सकता था। 

वेयर हाउस प्रभारी की लापरवाही के कारण हजारों क्विंटल अनाज बारिश में गीला हो गया। आनाज गीला होने से प्रशासन को हजारों क्विंटल गेंहू का नुकसान हुआ है। प्रशासन को हुए नुकसान की भरपाई कैसे हो पाएगी ये तो जिम्मेदार ही जाने। हालांकि जिम्मेदार अधिकारी ने लापरवाही बरतने पर दोषियों पर नियम अनुसार कार्यवाही की बात कही है अब देखना ये है कि दोषियों पर कार्यवाही होती है या फिर हर बार की तरह इस बार भी कार्यवाही कागजो तक सिमट कर रह जाती है।

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