जबलपुर। लोग कई तरह के सेविंग प्लान बनाते हैं। कोई आय में बचत करता है तो कोई खर्चों में कटौती करता है। सांसद राकेश सिंह ने उम्र में कटौती शुरू कर दी है। 2014 में उनकी उम्र 53 साल थी, इस हिसाब से 2019 में उनकी उम्र 58 साल होनी चाहिए परंतु उन्होनें अपनी उम्र में कटौती करके 56 दर्ज की है। इस तरह उन्होंने 5 साल में 2 साल बचा लिए। यदि इसी तरह चलता रहा तो सांसद राकेश सिंह की बायलॉजिकल एज 90 हो जाने पर भी उनकी डॉक्यूमेंटल एज 75 नहीं हो पाएगी। बता दें कि भाजपा में फार्मूला 75 लागू है।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह की उम्र 5 वर्ष में सिर्फ तीन साल ही बढ़ी है, पिछले चुनाव में उन्होंने अपनी उम्र जहां 53 साल दर्शाई थी तो वहीं 5 साल बाद जब इस बार अपना नामांकन किया तो उन्होंने अपनी उम्र 56 वर्ष दर्शाई है, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की उम्र अब चुनावी मुद्दा बनी है। भारतीय जनता पार्टी के नेता चुनावी शपथ पत्र में गलत जानकारियां देने की वजह से पहले भी कंट्रोवर्सी में फंस चुके हैं। पहले नरेंद्र मोदी की शादी का मामला, फिर स्मृति ईरानी की पढ़ाई का मामला और अब प्रदेश में राकेश सिंह की उम्र का है मुद्दा उठ रहा है।
राकेश सिंह ने नामांकन फार्म में दाखिल हलफनामे में अपनी उम्र 56 वर्ष लिखी गई है। वहीं 2014 में राकेश सिंह में अपनी उम्र 53 वर्ष लिखी थी। कांग्रेस सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लगातार ट्रोल कर रही है। कमल नाथ सरकार के कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी के लोग झूठ बोलते हैं। यह इसका एक छोटा सा उदाहरण है और अभी तो ऐसे कई झूठ सामने आने हैं।