भोपाल। भोपाल लोकसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने कहा है कि भारतीय सेनाएं पूरे देश की हैं। वह भारत देश के प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा का अपना दायित्व बखूबी निभाती आयी हैं और देशवासी शांति के साथ अपना जीवन चलाते हैं। लेकिन राजनैतिक लाभ के लिये भाजपा सेना के नाम का दुरूपयोग कर रही है जो कि एक गलत परंपरा है। इसका मैं विरोध करता हूं।
दिग्विजय सिंह आज यहां प्रदेश कांग्रेस कमेटी में भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पहले की कांग्रेस सरकार के समय बड़ी-बड़ी लड़ाईयां लड़ी गयीं। सर्जिकल स्ट्राइक सेना की एक सामान्य प्रक्रिया है जो यूपीए और कांग्रेस सरकारों के समय भी होती थीं, इसमें नया कुछ भी नहीं है। तत्कालीन सरकारों ने सेना की इस सामान्य प्रक्रिया को कभी भी राजनैतिक लाभ के लिये प्रचारित नहीं किया, जैसा कि अब हो रहा है। भारतीय सेना की उपलब्धि को कोई भी राजनीतिक दल अपनी उपलब्धि कैसे बता सकता है? कांगे्रस पार्टी ने हमेशा सैनिकों की कर्तव्यपरायणता, देश के प्रति उनकी निष्ठा और उनके जज़्बे को सलाम किया है। शहीदों और देश के प्रति उनकी शहादत को प्रणाम किया है और शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदनशील और सम्मान का भाव प्रकट किया है।
दिग्विजय सिंह ने सभी से आग्रह किया कि वे अपने आसपास और भूतपूर्व सैनिकों के परिवारों के बीच कांग्रेस को जिताने के लिये काम करेंगे। मंत्री पी.सी. शर्मा ने कहा कि पिछले 35 साल से बीजेपी के सांसद भोपाल का लोकसभा में प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं, लेकिन पांच बार भी भोपाल की आवाज को संसद में नहीं उठाया। दिग्विजय सिंह का जो विजन डाक्यूमेंट है, उसकी बराबरी भाजपा का मैनीफेस्टो नहीं कर सकता। इसके लागू होने पर दूसरे बड़े शहरों की बराबरी पर भोपाल की एक नयी तस्वीर आपके सामने आयेगी।
इसके पूर्व लगभग तीन सौ से अधिक एक्स सर्विस मैन शौर्य स्मारक पर एकत्रित हुए। वहां शहीदों को श्रद्वांजलि देने के बाद प्रज्ञा ठाकुर द्वारा शहीद हेमंत करकरे का अपमान किये जाने के विरोध में और लोकसभा प्रत्याशी दिग्विजयसिंह के समर्थन में पूर्व सैनिक स्वाभिमान रैली निकाली गयी जो पीसीसी पर जाकर समाप्त हुई। इसका नेतृत्व कर रहे मेजर जनरल श्याम श्रीवास ने कहा कि जिस तरह शहीदों पर राजनीति की जा रही है, वह गलत है। इस अवसर पर मंत्री आरिफ अकील, और पूर्व मंत्री राजा पटेरिया, कांग्रेस सैनिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष कैप्टन बी.पी. सिंह, हरियाणा से आये मेजर नृपेन्द्र सांगवान, कर्नल एम.ई. हक भी उपस्थित थे।