भोपाल। आज सुबह धमतरी में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में एक सीआरपीएफ जवान शहीद हो गया। शहीद जवान हरिश्चचंद्र भोपाल के रहने वाले थे और सीआरपीएफ की 211वीं बटालियन में तैनात थे। घात लगाए बैठे नक्सलियों ने जब हमला किया तो भोपाल के सपूत हरिश्चंद्र ने जान बचाने की कोशिश करने के बजाए नक्सलियों पर फायरिंग शुरू कर दी। इसी दौरान उनकी मौत हो गई।
आज सुबह जिले के सिहावा इलाके के चमेदा और साल्हेभाठ के जंगलों में सुरक्षाबलों को नक्सलियों की मूवमेंट की जानकारी मिली थी। जब सुरक्षा बल जांच के लिए पहुंचे तो पहले से ही छुपे बैठे नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इसी फायरिंग में भोपाल के हरिश्चंद्र शहीद हो गए।मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी जवान को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि इस दुख की घड़ी में पूरा प्रदेश और राज्य सरकार शहीद जवान के परिवार के साथ खड़ी है।
होली मनाकर अभी तो गए थे हरिश्चचंद्र
बता दें कि हरिश्चचंद्र का परिवार भोपाल के पीयूष नगर में रहता है और वो होली मनाने के बाद कुछ दिन पहले ही छत्तीसगढ़ गए थे। अपने को खोने के बाद से ही परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। भाई की मानें तो हरिश्चचंद्र बचपन से ही पढ़ने में होशियार थे। शुरुआती पढ़ाई जहां उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के पैतृक गांव में हुई थी। वहीं आगे की पढ़ाई के लिए भोपाल आ गए थे। बचपन से ही उनमें देशभक्ति का जज्बा भरा था। इसी वजह से वो सीआरपीएफ में शामिल हुए थे। उनके घर में पत्नी और एक बच्चा है।
गश्त पर जाते समय पत्नी से भी बात की थी
खल्लारी थाना क्षेत्र में सीआरपीएफ के दल के गश्त पर जाते समय हरीश की अपनी पत्नी से आखिरी बार बात हुई थी। घर के हालचाल पूछने के बाद उन्होंने पत्नी से कहा था कि वह दो दिन बात नहीं कर पाएगे। पत्नी से बातचीत के दौरान यही उनके आखिरी शब्द थे।