घबराए दिग्विजय सिंह बर्रूकट भोपाली बनने को तैयार | BHOPAL NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। लोकसभा चुनाव 2019 में भोपाल से चुनाव लड़ने की चुनौती स्वीकार करते समय भले ही दिग्विजय सिंह ने वीर यौद्धा के जैसी बातें की हों परंतु अब जैसे जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है दिग्विजय सिंह की घबराहट नजर आने लगी है। 15 साल बाद कर्मचारियों से माफी मांगकर शुरू हुआ उनका चुनाव अभियान आज 'बर्रूकट भोपाली' तक आ गया है। 

दिग्विजय सिंह ने आज एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यदि मैं चुनाव जीत गया तो बर्रूकट भोपाली बनकर काम करूंगा। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हे बर्रूकट भोपाली बनने में गर्व होगा। दिग्विजय सिंह पुराने भोपाल इलाके में चुनाव प्रचार पर निकले थे। यहां उन्होंने कहा चुनाव जीत गया तो लोग कहेंगे यही है असली बर्रूकट भोपाली। बता दें कि दिग्विजय सिंह की पहचान राधौगढ़ के किले से होती है। दिग्विजय सिंह आज भी इसी किले में रहते हैं। लोग इन्हे 'राजासाहब' के संबोधन से पुकारते हैं। इनकी दूसरी बड़ी पहचान 'क्षत्रिय' है। क्षत्रिय समाज में इनका काफी सम्मान है लेकिन चुनाव का दवाब देखिए, बर्रूकट भोपाली बनने में गर्व महसूस करने की बात कर रहे हैं। 

ये बर्रूकट भोपाली कौन होते हैं

नबाबी दौर में भोपाल में एक खास प्रकार की घास उगा करती थी जिसे बरू घास कहते थे। इसे काटने वालों को बर्रूकट भोपाली कहा जाता था। दरअसल इस घास को काटना दूसरी घास को कटाने से काफी मुश्किल काम होता था। ज्यादातर मजदूर बरू को काटने से मना कर देते थे। अत: बर्रूकट भोपाली को श्रेष्ठ मजदूर माना जाता था एक ऐसा मजदूर जो किसी भी काम के लिए मना नहीं करता और काम को अच्छी तरह से करता है।  और उसे दूसरों से ज्यादा मजदूरी मिलती थी। 

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