भोपाल। नामांकन दाखिले के दिन साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने दावा किया है कि उन्होंने अपने कैंसर का इलाज गोमूत्र से खुद कर लिया। जबकि राम मनोहर लोहिया अस्पताल के कार्डियोथोरासिस व वस्कुलर सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. एसएस राजपूत ने दावा किया है कि प्रज्ञा सिंह एक नहीं तीन बाद उनके पास सर्जरी कराने आईं थीं। उधर मुंबई के टाटा मैमोरियल अस्पताल का कहना है कि प्रज्ञा सिंह का कैंसर था ही नहीं। सवाल यह है कि क्या प्रज्ञा सिंह झूठ बोल रहीं हैं या फिर उन्हे वो किसी दूसरी बीमारी से ग्रस्त हैं, जिसमें उस चीज के होने का भ्रम होता है जो है ही नहीं।
2008 से 2017 तक तीन बार सर्जरी कराई
लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के कार्डियोथोरासिस व वस्कुलर सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. एसएस राजपूत ने कहा, '2011 में कैंसर का पता चलने के बाद उन्होंने इसके बढ़ने को रोकने के लिए सर्जरी कराई थी।' डॉ. राजपूत ने बताया, 'मैंने उनके कैंसर को चेक करने के लिए तीन बार ऑपरेशन किया था- 2008, 2011 और 2017 में।'
2008 में की थी पहली सर्जरी
डॉ. राजपूत इस बात को लेकर अस्पष्ट हैं कि साध्वी ने गोमूत्र पीना कब शुरू किया था। उन्होंने कहा, 'मुझे सिर्फ इतना पता है कि उनके पिता आयुर्वेद चिकित्सक हैं।' डॉक्टर ने 2008 में प्रज्ञा से पहली बार मुलाकात की थी। उन्होंने बताया, 'उन्हें जेजे अस्पताल लाया गया था, तब मैं वहां डॉक्टर था। उनके दायें ब्रेस्ट में एक गांठ थी जिसे मैंने हटा दिया। फिर 2011 में उस जगह पर सूजन और दर्द बढ़ गया। वह मेरे पास आईं और मैंने सर्जिकली कैंसर के हिस्से को हटा दिया था।'
मुंबई के डॉक्टर का दावा- प्रज्ञा सिंह को कैंसर नहीं था
उस वक्त अस्पताल के डीन डॉ. जेपी लहाने ने बताया कि इस बात के भी कोई संकेत नहीं हैं कि प्रज्ञा को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हुई थी। जेजे अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि उनकी सीए 125 ब्रेस्ट मार्कर टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव थी। साथ ही उनकी एमआरआई स्कैन रिपोर्ट और ईसीजी रिपोर्ट भी बिल्कुल नॉर्मल थी।