भोपाल। बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी (BARKATULLAH UNIVERSITY) द्वारा आयोजित अंडर ग्रेजुएशन (यूजी) कोर्स की परीक्षा में बीकॉम सेकंड ईयर के अकाउंटिंग विषय (B.COM 2nd YEAR ACCOUNTING) का पेपर लीक (EXAM PAPER LEAK) हुआ है। यह पेपर परीक्षा शुरू होने से पहले चुनिंदा छात्रों तक पहुंचा। अब यह प्रमाणित भी हो चुका है क्योंकि विदिशा के एसएसएल जैन कॉलेज (SSL JAIN COLLEGE) में इस तरह का लीक पेपर पकड़ा गया और परीक्षा शुरू होने के बाद जब मिलान किया गया तो लीक हुआ पेपर वही था जो परीक्षा कक्ष में वितरित हुआ।
घटना 11 अप्रैल की है। विदिशा के एसएसएल जैन कॉलेज में बने केंद्र पर एक छात्रा 9 मिनट देरी से पहुंची। तलाशी एवं पूछताद के दौरान उसके पास से लीक हुआ पेपर मिला। परीक्षा केंद्र पर हुई पूछताछ के दौरान ही उसने सुपरिंडेंटेंट डॉ. नीता खरे को बताया कि वह एमपी नगर में रहती है और और उसे रविकांत नाम के लड़के ने परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर पहुंचाया था। छात्रा और इस लड़के बीच चैटिंग भी हुई। इसमें छात्रा ने कहा कि मुझे तो लग रहा था कि रात को ही पेपर पहुंचा दोगे लेकिन, अब पहुंचाने का कोई मतलब ही नहीं रहा। यह छात्रा विदिशा के ही एक निजी कॉलेज महाराणा प्रताप कॉलेज की छात्रा है। एसएसएल जैन कॉलेज उसका परीक्षा केंद्र था। छात्रा भोपाल में रहकर अपडाउन करती है।
सभी प्रश्नों का मिलान हुआ
एसएसलए जैन कॉलेज में परीक्षा देने पहुंची यह छात्रा अपने साथ मोबाइल लेकर पहुंच गई थी। गेट पर हुई चैकिंग के दौरान परीक्षा में ड्यूटी डॉ. नीता खरे ने मोबाइल देखा तो वाॅट्सएप पर वहीं प्रश्नपत्र मिला, जिसे परीक्षा में बांटा गया था। इसमें सिर्फ वस्तुनिष्ठ प्रश्न नहीं थे। बाकी सभी प्रश्न वही थे, जो परीक्षा में पूछे गए थे। परीक्षा केंद्र ने छात्रा के खिलाफ नकल का प्रकरण बनाया है एवं विश्वविद्यालय को चिट्ठी लिखकर पूरी जानकारी पहुंचा दी है। छात्रा के वाॅट्सएप पर आए पर्चे और रविकांत का फोटो स्क्रीनशॉट बीयू को भेजा गया है।
एफआईआर दर्ज कराने के आदेश
विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि वो इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। कॉलेज प्राचार्य को एफआईआर दर्ज कराने को कहा है। इस संबंध में लिखित तौर पर भी निर्देश जारी करने की बात कही जा रही है लेकिन प्रश्न यह है कि जब यह प्रमाणित हो चुका है कि पेपर लीक हुआ था तो क्या पेपर को रद्द किया जाएगा। पेपर लीक करने वाले तक तो पुलिस पहुंच जाएगी परंतु क्या विश्वविद्यालय उन उत्तरपुस्तिकाओं को पता लगा पाएगा जिनमें लीक होने के कारण अच्छे उत्तर दर्ज हो गए हैं।