क्या “जनआवाज़” और क्या निभाएंगे ? | EDITORIAL by Rakesh Dubey

नई दिल्ली। “जनआवाज” “हम निभाएंगे शीर्षक से कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का कहना है कि यह घोषणापत्र (Declaration) बंद कमरे में बैठकर नहीं बल्कि देश के कोने-कोने में बैठे लाखों लोगों से बातचीत के आधार पर तैयार किया गया है। अब सवाल से ज्यादा बवाल खड़े हो गये हैं। “देशद्रोह” और “अफ्स्मा” पर जो नजरिया कांग्रेस (congress) ने जाहिर किया वो तो शायद किसी देशभक्त नागरिक का नहीं हो सकता इस पर वोट मांगना समझदारी नहीं हो सकती। ख़ैर! ये चुनाव है सबको सब कुछ कहने की आज़ादी है, पर परिणाम और सीमा का ज्ञान भी जरूरी है। कोई जुमलेबाजी नहीं, जो कर सकते हो वही कहो को आधार बनाया है कांग्रेस ने ऐसा राहुल गाँधी का कहना है। 

इस घोषणा पत्र में  “गरीबी पर वार, 72 हजार” के नारे को न्याय की ओर पहला कदम बताया गया है। भाजपा की चाय पर चर्चा कांग्रेस देश में अब आय पर चर्चा करने और करवाने तैयार है। भाजपा के हर साल 2 करोड़ नौकरियों का वादे  के मुगालते के जवाब में, बरक्स राहुल गांधी ने कहा है कि अगर वे सरकार में आते हैं, तो उनकी प्राथमिकता 2020 तक सभी सरकारी पदों को भरने की होगी। इस वक्त देश में करीब 22 लाख सरकारी पद खाली हैं, इसका मतलब ये कि अगले एक साल में 22 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके लिए दिल्ली में सरकार और उसमें इच्छा शक्ति चाहिए। मनरेगा में भी सौ दिन की जगह 150 दिन काम का वादा, बेरोजगार और गरीब ग्रामीणों के लिए बड़ी राहत होगा, यदि सरकार आई । 

इस घोषणापत्र में किसानों से जो वादे किए गए हैं, वे काफी अहम हैं। “किसानों के लिए अलग बजट” एक बड़ी पहल होगी, जिसमें उनकी जरूरतों को सीधे लक्षित किया जा सकेगा। इसके साथ ही कर्ज अदायगी से जुड़ी अहम घोषणा की गई है कि किसान का कर्ज न चुकाना आपराधिक नहीं बल्कि सिविल मामला बनेगा। सवाल यह है की यह फैसला किसानों को उनका खोया आत्मसम्मान दिलाएगा और उन्हें आत्महत्या जैसे कदम उठाने से भी रोक पायेगा? विधानसभा चुनावों में किसानों की कर्जमाफी की घोषणा ने कांग्रेस को जीत दिलाने में खास भूमिका निभाई। आम चुनावों में कितनी कारगर होती हैं, यह इस चुनाव के नतीजे बतायेंगे। 

घोषणापत्र में ‘देशद्रोह’ की धारा खत्म करने और अफ्स्पा में संशोधन की बातें भी काफी महत्वपूर्ण हैं, क्या इससे नागरिकों के अधिकार मजबूत होंगे? एक बड़ा और वर्तमान का सवाल है. इसके परिणाम दूरगामी है।इससे कांग्रेस किसे मजबूत करना चाहती है, स्पष्ट नहीं है। पर देश के लिए एक बड़ी जोखिम है। जीडीपी का छह प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करने की घोषणा भी सराहनीय है, इससे देश में शिक्षा, अनुसंधान का स्तर बढ़ेगा।  इनके अलावा स्वास्थ्य, राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति, उद्योग, बैंकिंग व्यवस्था, शहरीकरण आदि का जिक्र घोषणापत्र में है। कि कांग्रेस अगर सत्ता में आई, तो किस तरह इनमें सुधार करेगी। एक खास बात लैंगिक न्याय की है, जिसके तहत घोषणा की गई है कि महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का बिल लाया जाएगा, साथ ही केंद्र सरकार की नौकरियों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। कुल मिलाकर गरीब, किसान, मजदूर, युवा, महिला इन तमाम वर्गों के हितों की बात कांग्रेस के इस “जनआवाज घोषणापत्र” में की गई हैं। अब देखना ये है ये वादे हिंदू-मुस्लिम, भारत-पाकिस्तान की चर्चा पर भारी पड़ते हैं? और परिणाम क्या निकल कर आता है। 
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श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क  9425022703        
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