आंख का कैंसर: जानिए कैसे होता है और इसका इलाज क्या है | EYE CANCER TREATMENT

Bhopal Samachar
शरीर के अन्य हिस्सों की तरह ही आंखों में भी ट्यूमर हो सकते हैं। सामान्य शब्दावली में हम इसे आंख का कैंसर कहते हैं। जब आंखों में या उसके आस-पास की स्वस्थ कोशिकओं में परिवर्तन आ जाता है और वे कम समय में ही संख्या में तेजी से बढऩे लगती हैं, तो एक मैस का निर्माण हो जाता है जिसे ट्यूमर कहते हैं। ट्यूमर कैंसर रहित (बिनाइन) या कैंसर जन्य (मैलिग्नेंट हो सकते हैं। नेत्र ट्यूमर से दृष्टि को हानि पहुंच सकती हैं और ये यहां तक कि स्वास्थ्य और जीवन पर भी गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं। 

नई दिल्ली स्थित सेंटर फॉर साइट के ऑप्थल्मिक प्लास्टिक सर्जन एवं ओकुलर ऑनकोलॉजी के डॉ. विकास मेनन का कहना है कि ओकुलर ऑन्कोलॉजी आंखों के ट्यूमर का यदि शुरुआती चरणों में ही कैंसर की पहचान हो जाये और इसका सही उपचार किया जायेे, तो इसका इलाज संभव है। आंखों की अनूठी संरचना होती है और आंख का कैंसर न केवल दृष्टिहीन कर सकता है बल्कि आंख और जीवन को खतरे में डाल सकता है। इसलिए आंख के ट्यूमर का उपचार इस तरह से किया जाना चाहिए, ताकि ट्यूमर ठीक हो जाए और दृष्टि और आंख की संरचना को बचाया जा सके।

ओकुलर ऑन्कोलॉजिस्ट आंखों के कैंसर के इलाज के लिए सबसे अच्छा विकल्प है। इससे उपचार में ओकुलर ऑन्कोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, रेडियेशन ऑन्कोलॉजिस्ट आदि। आंख की पुतली में बने कैंसर को इंट्राओकुलर (आंख के अंदर) मैलिग्नेंसी कहा जाता है। डॉ. विकास मेनन के अनुसार पुतली का बाहरी हिस्सा तीन घटकों-स्क्लेरा, रेटिना और यूविया से बना होता है। स्क्लेरा पुतली के बाहरी दीवार पर स्थित होता है। रेटिना पतली परत वाली संरचना होती है, जो नेत्र गोलक (पुतली) के चारों तरफ  होती है आंख से मस्तिष्क तक जानकारी भेजती है और यूविया आंख का पोषण करता है। रेटिना और यूविया में रक्त वाहिकाएं होती हैं। यूविया में दृष्टि की तीन प्रमुख चीजें होती हैं। आईरिस, सिलरी बॉडी, कोरॉयड।

इसका उपचार ट्यूमर के विकास पर निर्भर करता है। अगर ट्यूमर काफी बढ़ चुका है, तो आंख की रोशनी के वापस आने की उम्मीद कम होती है। डॉ. विकास मेनन के अनुसार आंखों की अन्य सर्जरी में निम्नलिखित शामिल हैं कोरॉइडेक्टोमी, इरिडेक्टोमी, इरिडोसाइक्लेक्टॉमी, इरिडोट्राबेक्यूलेक्टॉमी। ट्यूमर को हटाने और शरीर के दूसरे हिस्से में इसकी रोकथाम करने में मदद करने के लिए रेडियेशन और कीमोथेरेपी दो उपचार विकल्प हैं। अत्यधिक ठंड के माध्यम से कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए क्रायथेरेपी का भी उपयोग किया जाता है। कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए थर्मो थेरेपी दी जाती है,  जिसमें लेजर से हीट दी जाती है।

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