नई दिल्ली। एक तकनीकी जांच के बाद फेसबुक ने 687 पेजों को हटा दिया है। इनमें से ज्यादातर पेज कांग्रेस से जुड़े हुए थे लेकिन इनके संचालक नकली व्यक्ति थे। जांच के दौरान वो खुद को प्रमाणित नहीं कर पाए। लोकसभा चुनाव से पहले हुई यह कार्रवाई सुर्खियों में आ गई है।
बता दें कि संदिग्ध व्यक्ति या ग्रुप संचालक या पेज संचालकों के मामले में फेसबुक संचालक से उसके नागरिक होने का प्रमाण मांगता है। जिसमें ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड इत्यादि 10 से ज्यादा विकल्प होते हैं। यदि व्यक्ति मांगे गए आईडी प्रूफ सबमिट नहीं करा पाता तो उसका अकाउंट बंद कर दिया जाता है। यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। पहली बार ऐसा हुआ कि 687 पेज ऐसे मिले जो कांग्रेस की आईटी सेल से संबद्ध थे।
पाकिस्तानी सेना कर्मचारियों के 103 अकाउंट बंद किए
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार फेसबुक ने कांग्रेस से जुड़े 687 पेज और लिंक हटा रही है। इसके अलावा फेसबुक ने पाकिस्तानी सेना के कर्मचारियों के 103 अकाउंट भी बंद किए हैं। फेसबुक के अनुसार कांग्रेस पार्टी के इन पेज पर समन्वित अप्रामाणित व्यवहार यानि कि झूठी खबरों के कारण बंद किया गया है। फेसबुक ने दुनिया में पहली बार किसी पार्टी के खिलाफ इतना बड़ा कदम उठाया है। फेसबुक के दुनिया में सबसे अधिक भारत में 30 करोड़ यूजर्स हैं।
नकली अकाउंट से पीएम नरेंद्र मोदी की झूठी आलोचना की जा रही थी
फेसबुक ने एक बयान में कहा कि इसकी जांच में पाया गया कि यूजर्स ने नकली अकाउंट का इस्तेमाल किया और अपने कंटेंट का प्रसार करने और एंगेजमेट बढ़ाने के लिए विभिन्न ग्रुप में शामिल हुए। उनके पोस्ट में स्थानीय समाचार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जैसे राजनीतिक विरोधियों की आलोचना शामिल है।
खातों को व्यवहार के आधार पर हटाया जा रहा है
फेसबुक पर साइबर स्पेस पॉलिसी के प्रमुख नथानिएल ग्लीइकर ने एक बयान में कहा "इस कोशिश के पीछे के लोगों ने अपनी पहचान छिपाने की कोशिश की, हमारी समीक्षा में पाया गया कि यह एक कांग्रेस (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस) की आईटी सेल से जुड़े व्यक्तियों से जुड़ा था। ग्लीइकर ने कहा कि फेसबुक उनके व्यवहार के आधार पर खातों को हटा रहा है, न कि उनके द्वारा पोस्ट की गई सामग्री के आधार पर।
Facebook:The Page admins&account owners typically posted about local news&political issues, incl topics like coming polls,candidate views, the INC& criticism of political opponents including BJP. Our review found that it was connected to individuals associated with an INC IT Cell— ANI (@ANI) April 1, 2019