ग्वालियर। एससी एसटी एक्ट में संशोधन के विरोध में पिछले साल 2 अप्रैल को हुए उपद्रव की पहली बरसी के चलते शहर हाई अलर्ट पर है। पुलिस ने पिछली बार की घटना से सबक लेकर सुरक्षा प्लान तैयार किया है। ग्वालियर पुलिस ने इंटरनेट बंद करने का प्रस्ताव गृहविभाग को भेजा है।
ग्वालियर शहर के मुहानों से लेकर अंदर तक 10 तो ऐसे संवेदनशील पॉइंट हैं, जहां पिछली बार सबसे अधिक उपद्रव हुआ था। यह पॉइंट रविवार शाम से ही पुलिस छावनी में तब्दील हो गए हैं। यहां सुरक्षा में सीआरपीएफ और एसएएफ जवान तैनात रहेंगे। ड्रोन से भी निगरानी होगी और पुलिस किराए पर सीसीटीवी कैमरे लेकर लगवा रही है। इसके साथ ही ग्वालियर पुलिस ने शहर में आगामी 36 घंटे के लिए इंटरनेट बंद रखने का प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा है। गृह विभाग को भेजे गए प्रस्ताव पर स्वीकृति मिलने के बाद ही इंटरनेट सेवा बंद की जाएगी। वहीं शहर-देहात के एक-एक संवेदनशील इलाके को अफसरों ने रडार पर ले लिया है। इंटेलिजेंस इनपुट को भी बार-बार क्रॉस चेक किया जा रहा है।
शहर के ये इलाके हैं संवेदनशील, अर्द्धसैनिक बल तैनात किए
पिछले साल हुए उपद्रव में तीन लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद मुरार, थाटीपुर क्षेत्र में कर्फ्यू तक लगाना पड़ा था। इसे लेकर सोशल मीडिया पर कुछ लोग श्रद्धांजलि सभा तो कुछ लोग अन्य आयोजनों को लेकर आव्हान कर रहे हैं। इसलिए पुलिस और प्रशासन अलर्ट है। पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती वे क्षेत्र हैं, जहां से पिछले साल उपद्रव की शुरुआत हुई और यहां गोलियां चलने तक की नौबत आ गई। इसमें थाटीपुर के भीमनगर, अंबेडकर नगर, सरकारी मल्टी, चौहान प्याऊ, साठ फुटा रोड, अंबेडकर पार्क, मुरार, सिरोल और गोला का मंदिर शामिल हैं। यहां सबसे ज्यादा उपद्रव हुआ था। इसके चलते यहां अर्द्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं।