भोपाल। आजादी से पहले मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी रियासत ग्वालियर का सचिवालय जिसे 'मोती महल' के नाम से जाना जाता है अब हैरिटेज होटल बनने जा रहा है। पर्यटकों को यहां वही आव भगत और सेवा दी जाएगी जो महाराजा सिंधिया को मिला करती थी। लोग यहां हनीमून मनाने आएंगे। 147 साल पुरानी मोतीमहल की इमारत को मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम को सौंपा जाएगा। लोक निर्माण विभाग ने राज्य शासन से आए खत के बाद इस हैरिटेज इमारत को पर्यटन निगम को सौंपने की तैयारी शुरू कर दी है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया चाहते हैं कि होटल बने
पर्यटन निगम की यहां पर हैरिटेज होटल खोलने की प्लानिंग है। इमारत को जल्द से जल्द पर्यटन निगम को दिया जा सके, इसके लिए लोनिवि के सहायक यंत्री ने पर्यटन निगम के अधिकारियों को को पत्र लिखकर इमारत को सुपुर्द लेने के लिए कहा है। यहां बताना जरूरी होगा कि पहले ग्वालियर स्मार्ट सिटी डवलपमेंट कार्पोरेशन मोतीमहल की इमारत में कंवेंशनल सेंटर खोलने की प्लानिंग की गई थी। इस बीच 28 जनवरी को सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बैठक लेकर उक्त योजना पर असहमति जताकर मंशा साफ कर दी थी कि हैरिटेज होटल ही बनेगा। वहीं 23 फरवरी को स्मार्ट सिटी की सलाहकार समिति की बैठक में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मोतीमहल में कंट्रोल कमांड सेंटर बनाने की बात कही थी।
हैरिटेज होटल में 696 कमरे होंगे
पर्यटन निगम को इस इमारत के अंदर 696 कमरे मिलेंगे। जिनको पर्यटकों के लिए उपयोग किया जा सकेगा। साथ ही दरबार हॉल जैसे ऐतिहासिक हॉल इमारत में मौजूद हैं। लोक निर्माण विभाग के रिकार्ड के अनुसार, मोतीमहल का परिसर 55752.14 वर्गमीटर का है। इस परिसर की तीन मंजिला इमारत में 696 कमरे बने हैं। यहां पर संभागायुक्त कार्यालय, प्रदेश का परिवहन, आबकारी, भू-अभिलेख और राजस्व विभाग का मुख्यालय संचालित है। विवेकानंद नीडम मार्ग पर नई इमारत में इनको शिफ्ट किया जाएगा। परिवहन का मुख्यालय सिरोल क्षेत्र में पहुंच चुका है।