रामभक्त हनुमान का प्राकट्य चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को हुआ था। यह दिन हनुमान भक्तों को शिक्षा, विवाह के मामले में सफलता, कर्ज और मुकदमे से मुक्ति के लिए यह दिन अति विशेष होता है। हनुमान जयंती के पूजा पाठ तो सभी भक्त करते हैं परंतु यदि आप नियमानुसार पूजा पाठ करें तो मनवांछित फल प्राप्त कर सकते हैं।
हनुमान जी की पूजा कैसे करें?
- हनुमान जी की पूजा अभिजित मुहूर्त में ही करें। अभिजित मुहूर्त क्या होता है नीचे पढ़ें।
- उत्तर-पूर्व दिशा में चौकी पर लाल कपड़ा रखें।
- हनुमान जी के साथ श्री राम जी के चित्र की स्थापना करें।
- हनुमान जी को लाल और राम जी को पीले फूल अर्पित करें।
- लड्डुओं के साथ साथ तुलसी दल भी अर्पित करें।
- पहले श्री राम के मंत्र "राम रामाय नमः" का जाप करें।
- फिर हनुमान जी के मंत्र "ॐ हं हनुमते नमः" का जाप करें।
स्वास्थ्य की समस्याओं से मुक्ति के लिए क्या करें?
- लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
- हनुमान जी को सिन्दूर, लाल फूल और मिठाई अर्पित करें।
- इसके बाद हनुमान जी के समक्ष हनुमान बाहुक का पाठ करें।
- स्वास्थ्य की बेहतरी की प्रार्थना करें।
आर्थिक लाभ और कर्ज मुक्ति का उपाय-
- हनुमान जी के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाएं।
- हनुमान जी को गुड़ का भोग लगाएं।
- इसके बाद हनुमान चालीसा का 11 बार पाठ करें।
- संभव हो तो इस दिन मीठी चीज़ों का दान भी करें।
मंगल दोष से मुक्ति का उपाय-
- हनुमान जी का सम्पूर्ण श्रृंगार करवाएं।
- चांदी के वर्क का प्रयोग न करें।
- हनुमान जी को रेशम का एक लाल धागा भी अर्पित करें।
- इसके बाद मंगल के मंत्र "ओम क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः" का जाप करें।
- लाल धागे को गले में धारण कर लें।
अभिजीत मुहूर्त (Abhijit Muhurat) कब होता है
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अभिजीत मुहूर्त (Abhijit Muhurat) दिन का सर्वाधिक शुभ मुहूर्त माना जाता है। प्रत्येक दिन का आठवां मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त कहलाता है। सामान्यत: यह 45 मिनट का होता है। हालांकि इसकी समयावधि सूर्योदय और सूर्यास्त पर निर्भर करती है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार यदि अभिजीत मुहूर्त में पूजन कर कोई भी शुभ मनोकामना की जाए तो वह निश्चित रूप से पूरी होती है। आपके शहर के लिए अभिजीत मुहूर्त आपको स्थानीय स्तर पर ही पता करना होगा। अक्सर यह दोपहर 12 बजे के आसपास होता है।