भोपाल। मध्यप्रदेश में स्कूली शिक्षा (school education) का अकादमिक सत्र एक अप्रैल से प्रारम्भ हो गया है। बड़ी कक्षाओं की अपेक्षा छोटी कक्षाओं में उपस्थिति ज्यादा देखी जा रही है। प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में जॉय फुल लर्निंग और मध्यान्ह भोजन (JOY full learning and mid-day mealके कारण भी विद्यार्थी (STUDENT) स्कूल जा रहे हैं। इसमें महत्वपूर्ण भूमिका पालकगण निभा रहे है, जो कि समय पर बच्चों को तैयार कर स्कूल भेज रहे है या स्कूल तक छोड़ने जाते है। स्कूल से छुट्टी होते तक सूरज भी सिर चढ़ कर बोलने लगता है। लू अपना असर दिखाने लगती है। वहीं स्कूलों में स्वच्छ पीने के पानी का अभाव भी देखा गया है।कई क्षेत्रों में फ्लोराइड वाला पानी है। बड़े और समझदार तो अपनी सुरक्षा काफ़ी हद तक कर ही लेते है। बच्चे जल्दी मौसमी बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं।
बच्चों को स्कूल भेजते समय ध्यान रखने योग्य बातें / Things to keep in mind when sending children to school
इन सभी समस्याओं पर गौर करते हुए मध्यप्रदेश शिक्षक कांग्रेस (Madhya Pradesh Teacher Congress) जिला मंडला समस्त पालकों से अपील करतें है कि बच्चों को स्कूल भेजते समय(SCHOOL TIME) साफ बोतल में पीने का पानी साथ मे रखकार भेजें, हो सके तो पानी मे थोड़ा ग्लूकोस पाउडर मिला दें, थोड़ी थोड़ी देर में पानी पीने की हिदायत देकर भेजें। बच्चों को खाली पेट स्कूल न भेजे, चटपटी व तली चीजें न खिलाएं। बच्चों की जेब में प्याज रख दे तो बेहतर होगा। धूप में निकलते वक्त सफेद सूती कपड़ा जैसे गमछा आदि से चेहरा, सिर आदि को ढकने की सलाह दें। आइस केंडी जैसे मीठे व ठंडे जहर का सेवन करने से मना करें। हो सके तो उनके टिफिन बॉक्स में फल, सलाद जैसी चीजें या सादा खाना ही रखें। घर पहुँचने पर बच्चों को तत्काल ऐसी रूम या कूलर के सामने न बैठायें और न ही ठंडा पानी दें जब तक कि उनके शरीर का तापमान सामान्य न हो जाये।
इन समस्त बातों का ध्यान रखकर हम इस भीषण गर्मी में अपने नोनिहालों की सेहत को ठीक रख सकतें हैं।मध्यप्रदेश शिक्षक कांग्रेस यह निवेदन भी करता है कि जहां तहां हो सके तो पक्षियों के पीने के पानी के लिए भी मिट्टियों के उथले बर्तनों में पानी भरकर पेड़ की डालों में लटकाया जाए। पानी बचाओ का संदेश देने के साथ साथ इसका अमल जरूरी है। उल्लेखनीय है कि डॉ जगदीश चंद्र जटिया (Dr. Jagdish Chandra Jatiya) कलेक्टर मंडला द्वारा कम वर्षा के कारण मंडला जिला को जल अभावग्रस्त घोषित किया गया है तथा पानी की फिजूलखर्ची पर कड़ाई से प्रतिबंध लगाया गया है, जो कि वर्तमान स्थिति में बहुत जरूरी हो गया था।