भोपाल। भोपाल स्वास्थ्य विभाग (Bhopal Health Department) द्वारा आम जनता को गर्मी में लू से बचाव (Rescue from Lu in the summer) और इनके प्राथमिक उपचार (first aid) के लिए सलाह दी गई है कि सीधी धूप मे जाने से बचे। घर के अंदर हवादार, ठंडे स्थान पर रहे। पंखे का उपयोग करे, अधिक तापमान होने पर ठंडे पानी से नहाये तथा कूलर या एयरकंडिशन (Cooler or air condition) का प्रयोग करे। हल्के रंग के ढीले व पतले वस्त्रो का प्रयोग करे। धूप मे जाने से पहले सिर को छाते, कपडे अथवा टोपी से ढके। जूते- चप्पल तथा नजर के काले चश्मे का प्रयोग करे।
लू से बचने के उपाय / Tips to avoid heat stroke
भोजन करके एवं पानी पीकर ही बाहर निकले। पानी का अधिक मात्रा मे सेवन करे तथा प्यास लगने का इंतजार न करे। अधिक से अधिक पेय पदार्थ (नान अल्कोहॉलिक) जैसे नींबू पानी, लस्सी, छाछ, जलजीरा, आमपना, दही, नारियल पानी आदि का सेवन करे। फल तथा सब्जी जिनमें पानी की मात्रा अधिक होती है (तरबूज, खरबूज, खीरा, अनानास, संतरा, अंगूर आदि) का अधिक मात्रा मे सेवन करे। शिशुओ तथा बच्चो, 60 वर्ष से अधिक आयु के महिला-पुरूषों, घर के बाहार काम करने वाले, मानसिक रोगियों तथा उच्च रक्तचाप वाले मरीजों का विशेष ध्यान रखें। बंद गाडी के अंदर का तापमान बाहर से अधिक होता है इसलिए कभी भी किसी को बंद, पार्किंग मे रखी गाडी में अकेला ना छोडे। यदि बाहर कार्य करना अति आवश्यक हो तो- बाहरी गतिविधिया सुबह व शाम के समय मे ही करे। अत्याधिक शारीरिक श्रम वाली गतिविधियॉ दिन के अधिकतम तापमान वाले घंटो मे न करे। बहुत अधिक भीड, गर्म घुटन भरे कमरों, रेल, बस आदि की यात्रा गर्मी के मौसम मे अत्यावश्यक होने पर ही करे।
यदि कोई लू से प्रभावित हो जाए तो क्या करें / What to do if someone is influenced by LOO
यदि कोई व्यक्ति लू तापघात (Heat stroke) से प्रभावित होता है, तो उसका तत्काल उपचार करे, रोगी को तत्काल छायादार जगह पर कपडे ढीले कर लिटा दे एवं हवा करे। रोगी को होश मे आने पर, आने की दशा मे उसे ठण्डे पेय पदार्थ जीवन रक्षक घोल, कच्चा आम का पना आदि दे। प्याज का रस एवं जौ के आटे को भी ताप नियंत्रण हेतु शरीर मला जा सकता है। रोगी के शरीर का ताप कम करने के लिये यदि संभव हो, तो उसे ठण्डे पानी से स्नान कराये या उसके शरीर पर ठण्डे पानी की पट्टियॉ रखकर पूरे शरीर को ढॅक दे। इस प्रक्रिया को तब तक दोहराए जब तक की शरीर का तापमान कम नही हो जाता है। उपरोक्त उपचार से यदि मरीज ठीक नही होता है, तो उसे तत्काल निकट के चिकित्सा संस्थान मे लेकर उपचार करवाये।