इंदौर। भारत में पिछले कुछ सालों से हम कार्ब रिच डाइट ले रहे हैं। थाली की हर चीज़ में कार्बोहाइड्रेट सबसे ज्यादा है। प्रोटीन, फाइबर या तो है ही नहीं या उतना नहीं है जितना चाहिए। और इस वजह से इंसुलिन ज्यादा बन तो रहा है लेकिन हमारी मसल्स उसे एक्सेप्ट नहीं कर पा रहीं। इसे कहते हैं इंसुलिन रेज़िस्टेंस। एक्सरसाइज़ की कमी भी इसकी एक वजह है। हमारी डाइट में कार्बोहाइड्रेट्स ज्यादा होने से इंसुलिन रिलीज़ की प्रोसेस ट्रिगर तो हो रही है, लेकिन मसल्स की सेंसिटिविटी नहीं है। इसलिए डायबिटीज़ बढ़ती ही जा रही है। चेहरे पर चिन और गर्दन पर कालापन इसकी पहली निशानी है। यदि ऐसा कालापन आ रहा है तो समझिए आप प्री-डायबिटिक फेज़ में हैं। भारत में 30 फीसदी लोग इस फेज़ में हैं। इंसुलिन रेजिस्टेंट लोगों को हाई प्रोटीन डाइट देना शुरू करते हैं हम। प्रोटीन आपको पेट भरा होने की फीलिंग देते हैं।'
महिलाओं की कमर के साइज से क्या बीमारी होती है
डीएवीवी में मंगलवार को फ्यूचर डाइटीशियंस के लिए कराए गए सेमिनार में न्यूट्रीशनिस्ट और डाइटीशियन प्रीति शुक्ला मेटाबॉलिक सिंड्रोम और इंसुलिन रेज़िस्टेंस पर बात कर रही थीं। उन्होंने बताया कि मेटाबॉलिक सिंड्रोम से कैसे बच सकते हैं। एशियन इंडियन पॉपुलेशन में महिलाओं के लिए कमर का घेरा 90 सेंटीमीटर से कम ही होना चाहिए। इससे ऊपर है तो मेटाबॉलिक सिंड्रोम है। सही डाइट और एक्सरसाइज़ से इसे कंट्रोल करें महिलाएं क्योंकि मदर कई डिसीज़ेस की कैरियर भी होती है। हेरेडिटी को तो हम बदल नहीं सकते, लेकिन आदतें तो बदली जा सकती हैं। शराब, स्मोकिंग बंद करें, रोज़ कम से कम 20 मिनट एक्सरसाइज़ करें। भारत में कई भ्रांतियां प्रचलित है, और इनके कारण कई लोग गलत आहार ही लिए जा रहे
क्या चुकंदर से हीमोग्लोबिन बढ़ता है
ये बिलकुल गलत धारणा है कि चुकंदर से हीमोग्लोबिन बढ़ता है। चुकंदर में आयरन है ही नहीं। कैसे फायदा होगा। हीमोग्लोबिन के लिए अनार खाइए। सुरजने की फली और उसकी पत्तियां खाइए। मोरिंगा सुपरफूड के नाम से आजकल बड़ी महंगी बिक रही हैं सुरजने की पत्तियां।
एक दिन में कितना प्रोटीन लेना चाहिए
आपका जितना बॉडी वेट है उतने ग्राम प्रोटीन लेना ज़रूरी है। 60 किलो वेट है तो 60 ग्राम प्रोटीन चाहिए। ज्यादातर डॉक्टर 40 ग्राम प्रतिदिन प्रोटीन की सलाह दे देते हैं। यह सही नहीं है। वजन के हिसाब से तय किया जाना चाहिए।
क्या दलिया या खिचड़ी लाइट डाइट हैं
रात में हल्का खाना है बोलकर दलिया या खिचड़ी खाते हैं। इससे संतृप्ति होती नहीं क्योंकि इन्हें चबाना नहीं पड़ता और इसलिए एक प्लेट के बजाय आप ओवरईटिंग कर लेते हैं। रात में भी रोटी सब्ज़ी खा सकते हैं। एक ही चपाती लीजिए। पेट भरने के लिए रोटी ही ज़रूरी नहीं। दाल, सलाद, हरी सब्ज़ियों वगैरह से थाली को बैलेंस कीजिए।