भोपाल। इंदौर में कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी तो घोषित कर दिया लेकिन बत्ती गुल हो गई। लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को गांधी भवन में मीटिंग चल रही थी कि अचानक बत्ती गुल हो गई। आधा घंटे तक नहीं आई। बौखलाए मंत्री जीतू पटवारी ने सीधे सीएमडी को फोन लगाया। सीएमडी ने भी पहले तो अघोषित कटौती को सही बताया, फिर बात बढ़ी तो एक इंजीनियर को सस्पेंड करके मंत्री का अहंकार शांत कर दिया गया।
बिजली कटते ही कांग्रेसियों ने हंगामा शुरू कर दिया
इंदौर में बैठक में जैसे ही बिजली गुल हुई तो नेताओं ने कहा कि प्रदेश में बिजली सरप्लस है तो फिर बिजली कटौती होना ही नहीं चाहिए। अफसरों से पूछो तो मेंटेनेंस का हवाला देते हैं। बार-बार बिजली गुल कर अफसर जान-बूझकर सरकार की छवि खराब कर रहे हैं। चुनाव की तैयारियों से पहले बिजली मुद्दा बैठक में छाया रहा। बैठक शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद टंडन ने बुलाई थी।
बिजली कर्मचारियों की जासूसी करवा रही है सरकार
शुक्रवार को बिजली कंपनी ने अकेले इंदौर-उज्जैन संभाग में 174 अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। इधर, मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने बिजली कंपनियों के अधिकारियों और इंजीनियरों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग की। इसमें साफ कर दिया गया कि कई जगह जानबूझकर सप्लाई बटन स्विच आफ किए जा रहे हैं। कुछ जगहों पर यह व्यवस्था आउट सोर्स है, जिसमें कुछ राजनीतिक दलों के लोग भी शामिल हैं। इनका परीक्षण किया जा रहा है। सभी बिजली इंजीनियरों काे कहा गया है कि विद्युत आपूर्ति पर इंटेलिजेंस की नजर है। सीनियर अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।