इंदौर। सुमित्रा महाजन को विश्वास में लिए बिना 16 लिस्टों तक उनका नाम रोककर रखने की प्रक्रिया ने ना केवल सुमित्रा महाजन को दुखी किया बल्कि मराठी समाज में भी अक्रोश भर दिया। मराठी समाज का कहना है कि ताई भाजपा की वरिष्ठ नेता हैं। यदि पार्टी उन्हे लड़ाना नहीं चाहती थी तो उनसे पहले ही चर्चा कर लेती। लिस्ट पर लिस्ट जारी होती रहीं और ताई का नाम घोषित नहीं किया यह मराठी समाज का अपमान है।
सीनियर एडवोकेट अविनाश सिरपुरकर ने कहा कि लगातार आठ लोकसभा चुनाव से सतत विजय हासिल कर इंदौर का प्रतिनिधित्व करने वाली ताई सुमित्रा महाजन को इस बार टिकट न देकर भारतीय जनता पार्टी ने समूचे मराठी समाज को अपमानित किया है। इस कारण इस बार मराठी समाज इस अपमान के बदले चुप नहीं बैठेगा।
सीनियर एडवोकेट अविनाश सिरपुरकर ने भाजपा के वरिष्ठ नेता सत्यनारायण सत्तन द्वारा टिकिट के मामले में ताई की खुलकर खिलाफत और इस बारे में लगातार विरोधी बयान दिए किए जाने की भी आलोचना करते हुए कहा कि मराठी समाज इसका समुचित जवाब जरूर देगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि मराठी समाज आरएसएस या भाजपा का गुलाम नहीं है, वह अपने स्वविवेक से निर्णय लेगा कि उसे किसे वोट करना है।