भोपाल। 26 जनवरी 2019 को सीएम कमलनाथ ने कम शिक्षित शहरी युवाओं के लिए 'रोजगार गारंटी योजना' का ऐलान किया था जिसे 'मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना' नाम दिया गया लेकिन अब इस योजना के क्रियान्वयन पर सवाल उठने लगे हैं। भोपाल में बेरोजगारों ने हंगामा किया क्योंकि फील्ड अनुभव के बाद उन्हे ट्रेनिंग नहीं दी जा रही।
स्वाभिमान योजना के तहत दस दिन के फील्ड अनुभव के बाद ट्रेनिंग नहीं दिए जाने से नाराज युवाओं ने गुरुवार को निगम मुख्यालय पर हंगामा किया। कई युवाओं की यह भी शिकायत थी कि निगम ने उनसे महीने भर काम करा लिया गया। योजना के नोडल अधिकारी उपायुक्त विनोद शुक्ला ने बताया कि गाइडलाइन के हिसाब से कौशल विकास विभाग की ओर से ट्रेनिंग दी जाना है।
ऐसी है योजना: युवाओं को 100 दिन काम
21 से 30 साल तक के युवा, जिनकी पारिवारिक आय दो लाख रुपए से कम है और वे शहरी क्षेत्र के निवासी हैं, उन्हें 100 दिन काम।
43 तरह के ट्रेड हैं। इसमें ऑफिस असिस्टेंट, अकाउंटेंट सहायक, ड्राइवर, इलेक्ट्रिशियन, मैकेनिक, फोटोग्राफर, वीडियोग्राफर, कारपेंटर, प्लंबर, फायरमैन, सिक्योरिटी गार्ड से लेकर पशु हाकने जैसे काम शामिल हैं।
इसमें युवाओं को 10 दिन 8 घंटे की ट्रेनिंग, फिर 90 दिन तक चार घंटे काम और चार घंटे ट्रेनिंग दी जाएगी।
युवाओं को करीब 134 रुपए रोज के हिसाब से 100 दिन स्टाइपेंड।
पहली बार 10 दिन बाद, फिर 30-30 दिन में स्टाइपेंड खाते में जाएगा।
कार्य में 33 प्रतिशत और प्रशिक्षण में 70 फीसदी उपस्थिति पर ही भुगतान होगा। उपस्थिति के अनुसार ही भुगतान होगा।