भोपाल। शिवपुरी की पिछोर विधानसभा सीट से विधायक एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता केपी सिंह एवं सिंधिया परिवार का विवाद काफी लम्बा चला परंतु पिछले एक दशक से यह खत्म हो गया था। केपी सिंह खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया के नजदीक आ गए थे और कांग्रेस में केपी सिंह के विरोधी भेया साहब लोधी भाजपा में चले गए थे परंतु एक बार फिर पुरानी कहानी शुरू हो गई है। पिछले दिनों केपी सिंह ने अपने पुराने नेता दिग्विजय सिंह से नजदीकी बढ़ाई तो ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भैया साहब लोधी को भाजपा से कांग्रेस में बुला लिया।
पिछोर से पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री भैया साहब लोधी बुधवार को अपने दो दर्जन साथियों के साथ सांसद और कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के अस्थाई आवास बंबई कोठी पहुंचे और उनके ही सामने कांग्रेस का दामन थाम लिया। इस मौके पर सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भैया साहब का सिंधिया परिवार से पुराना नाता है। इस परिवार में वह वापस आ गए हैं। वहीं लोधी ने कहा कि वे भाजपा में घुटन महसूस कर रहे थे। इसलिए पुराने परिवार में वापस लौट आए हैं।
बता दें कि भाजपा में भैया साहब लोधी को काफी सम्मान दिया जाता था। वो उमा भारती के काफी नजदीकी नेता बन गए थे। 1998 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। बाद में वे उमा भारती के साथ जनशक्ति में भी चले गए थे, फिर भाजपा में लौट आए थे लेकिन लौटकर आए भैया साहब की भाजपा में पूछ पूरी तरह से खत्म हो गई थी। अब यह कहानी रोचक मोड़ पर आ गई है। देखना यह है कि क्या भैया साहब लोधी, ज्योतिरादित्य सिंधिया को पिछोर से उतने वोट दिला पाएंगे जितने कि केपी सिंह दिलाया करते थे।
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