भोपाल। मध्यप्रदेश भाजपा में सांसदों की बगावत शुरू हो गई है। शहडोल सांसद ज्ञान सिंह द्वारा निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान करने के बाद अब बालाघाट सांसद बोधसिंह भगत ने भी बगावत का खुला ऐलान कर दिया है। उन्होंने नामांकन फार्म खरीद लिया। स्थिति स्पष्ट है बोध सिंह भी निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। भाजपा ने यहां से ढालसिंह बिसेन को टिकट दिया है।
बालाघाट से ढालसिंह बिसेन को टिकट देने के बाद पहले ही दिन से स्थानीय स्तर पर विरोध होने लगा है। बोधसिंह भगत खुलकर पार्टी के विरोध में आ गए हैं। वहीं बेटी को टिकट नहीं मिलने से पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन भी नाराज चल रहे हैं। इस सीट पर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है।
अब वर्तमान सांसद बोधसिंह भगत ने अपने प्रतिनिधि शैलेंद्र सेठी, ऋषि शुक्ला के जरिए नामांकन केंद्र पहुंचकर भाजपा के ही चिन्ह से फॉर्म लिया है। नामांकन फॉर्म लेने के बाद सांसद बोध सिंह भगत का कहना है कि नामांकन फॉर्म ले लिया है। इसे भरेंगे और चुनाव भी लड़ेंगे। अभी भी बोध सिंह भगत को उम्मीद है कि पार्टी ढालसिंह बिसेन की टिकट वापस लेकर उन्हें ही टिकट देगी, जिससे उन्हें निर्दलीय चुनाव लड़ने की नौबत नहीं आएगी।
इसलिए मुश्किलें बढ़ी?
बोध सिंह भगत के निर्दलीय चुनाव लड़ने पर बीजेपी के ही वोटर्स आपस में बंट जाएंगे।
पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन भी बेटी को टिकट नहीं दिए जाने से नाराज चल रहे हैं।
संसदीय क्षेत्र में बीजेपी के कार्यकर्ता तीन हिस्सों में बंट गई है।
ढाल सिंह बिसेन को टिकट दिए जाने से बोध सिंह भगत खुलकर विरोध में उतर आए हैं।
त्रिकोणीय विरोध का सीधा फायदा कांग्रेस को होगा।
4 साल से तनाव चल रहा है पार्टी ने शांत करने की कोशिश तक नहीं की
बालाघाट विधायक और पूर्व कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन और सांसद भगत के बीच तनातनी, कलह, आपसी मनमुटाव विगत चाल सालों से लगातार चला आ रहा है। 2014 के लोकसभा के लिए गौरीशंकर ने अपनी पुत्री मौसम के लिए टिकट मांगी थी, अंत में टिकट बोधसिंह भगत को मिल गई और वे मोदी लहर में चुनाव जीत गए। इसके बाद बोधसिंह भगत, गौरीशंकर बिसेन से हमेशा नाराज रहने लगे। माना जा रहा है कि गौरीशंकर की वजह से भगत का टिकट काटा है।
बीजेपी का एक पूरा खेमा खुलकर गौरीशंकर के विरोध में और सांसद भगत के समर्थन में मैदान पर आ चुका है। इस खेमे के भाजपाईयों ने सार्वजनिक रूप से खुलकर कहा कि भाजपा हाईकमान टिकट के लिए एक बार फिर विचार करे, अगर टिकट बदली नहीं जाती है और सांसद भगत फिर यहां से प्रत्याशी नहीं बनाए जाते हैं तो हम सभी कार्यकर्ता मिलकर बोधसिंह भगत को निर्दलीय चुनाव लड़ाएंगे और जीताकर लाएंगे।