भोपाल। महेंद्र सिंह सोलंकी द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 1 अपनी नौकरी से इस्तीफा दे चुके हैं। भाजपा ने उन्हे शाजापुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है परंतु भोपाल कोर्ट में उनकी नेमप्लेट अभी भी लगी हुई है।
कौन हैं महेंद्र सिंह सोलंकी
इस्तीफा देने के बाद अपनी पहली चुनावी सभा में सोलंकी ने बताया कि मैं मूल रूप से देवास जिले के ग्राम नरखेड़ी का हूं। बाद में मेरे माता पिता हम चार भाई बहनों को लेकर इंदौर चले गए। वहां मेरे पिता मजदूरी करते। माता भी ट्रेन में बैठकर उंडासा रेलवे स्टेशन पर उतरकर वहां से 4 किमी पैदल चलते हुए खेतों में गेहूं, चना, सोयाबीन काटती। ऐसे ही हम भाई बहनों की परवरिश हुई। गरीबी के कारण मेरे अन्य सभी भाई बहन पढ़ाई भी नहीं कर सके।
जनता के बीच हाथ जोड़ने में कोई परेशानी नहीं
पत्रकारों से चर्चा में पूर्व न्यायाधीश सोलंकी ने कहा कि न्यायाधीश रहते हुए जो लोग मेरे सामने हाथ जोड़कर खड़े रहते थे। वे मेरे नहीं कानून के सम्मान में खड़े रहते थे। अब मैं भी आम इंसानों की तरह ही हूं। लोगों से हाथ जोड़कर वोट मांगने में मुझे जरा भी हिचकिचाहट नहीं होगी। इस्तीफा के बाद मुझे लगा कि मैं कहीं दूसरी जगह चला गया था। अब वापस अपनों के बीच आ गया हूं। देश की सेवा और क्षेत्र में विकास प्राथमिकता रहेगी। कानूनी ढांचे के बाहर आकर में ज्यादा सेवा कर सकूंगा।