भोपाल। मध्यप्रदेश में लोकसभा प्रत्याशियों की घोषणा के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों में विरोध नजर आ रहा है। खजुराहो से प्रत्याशी बनाए गए भाजपा नेता वीडी शर्मा का विरोध हो रहा है तो धार में कांग्रेस प्रत्याशी दिनेश गिरवाल और भिंड में देवाशीष जरारिया का विरोध हो रहा है। वीडी शर्मा के विरोध में पुतले जलाए गए, पूर्व विधायक गिरिराज किशोर (राजू) पोद्दार ने इस्तीफा दे दिया तो देवाशीष जरारिया को जाति विशेष का नेता बताते हुए कांग्रेस नेताओं ने पलायन कर दिया है।
वीडी शर्मा ने सबसे पहले भोपाल से दावेदार की
लोकसभा चुनाव की सुगबुगाहट शुरू होते ही वी़डी शर्मा ने भोपाल से चुनाव लड़ने की दावेदारी की थी। उनका नाम चर्चा में आने के बाद स्थानीय नेताओं ने विरोध करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के घर बैठक की थी। बैठक के बाद बाबूलाल गौर ने कहा था कि ये वीडी शर्मा कौन है?, मैं उन्हें नहीं जानता। इस घटनाक्रम के कुछ दिन बाद कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का नाम घोषित होने के बाद वीडी शर्मा का नाम भोपाल से गायब हो गया।
भोपाल में विरोध हुआ तो मुरैना से दावेदारी करने लगे
कांग्रेस की ओर से भोपाल से दिग्विजय सिंह का नाम आने के बाद भोपाल से मुरैना से प्रत्याशी बनाए गए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के चुनाव लड़ने की चर्चा पार्टी फोरम में हुई। इसी बीच वीडी शर्मा ने मुरैना से दावेदारी ठोक दी।
मुरैना से टिकट नहीं मिला तो खजुराहो का टिकट ले आए
लेकिन नरेंद्र सिंह तोमर की अमित शाह से अच्छी ट्यूनिंग के चलते वीडी को मुरैना से चुनाव लड़ाने पार्टी ने मना कर दिया। आरएसएस से अपने तगड़े संबंधों की वजह से वीडी खजुराहो से टिकट पाने में कामयाब हो गए।
खजुराहो में वीडी शर्मा के पुतले जलाए गए
रविवार को खजुराहो से वीडी शर्मा का नाम घोषित होते ही खजुराहो संसदीय क्षेत्र में विरोध शुरू हो गया। खजुराहो संसदीय क्षेत्र के कटनी जिले की मुड़वारा विधानसभा से विधायक रहे गिरिराज किशोर (राजू) पोद्दार ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह को इस्तीफा भेज दिया। पोद्दार ने खुद को प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य से भी अलग कर लिया है। कटनी में कुछ और नेता पार्टी के इस फैसले से खफा हैं। खजुराहो में कई जगह पुतले जलाए जा रहे हैं।
धार में कांग्रेस प्रत्याशी दिनेश गिरवाल का विरोध
धार और भिंड लोकसभा सीट पर कांग्रेस में प्रत्याशियों का विरोध शुरू हो गया है। धार से युवा चेहरे दिनेश गिरवाल को मैदान में उतारे जाने का वहां से दो बार (1999-2004 और 2009-2014) सांसद रहे गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी ने विरोध किया है। राजूखेड़ी 1990 में भाजपा से विधायक भी रह चुके हैं, बाद में वे कांग्रेस में शामिल हुए। दिन भर उनकी भाजपा में जाने की चर्चा रही। राजूखेड़ी को टिकट दिए जाने का राज्य सरकार में मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल, पांचीलाल मेड़ा और प्रताप ग्रेवाल समर्थन कर रहे थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला।
भिंड में कांग्रेस प्रत्याशी देवाशीष जरारिया का विरोध
भिंड लोकसभा से देवाशीष जरारिया को टिकट दिए जाने का जिला कांग्रेस इकाई और पार्टी पदाधिकारियों ने विरोध किया है। हालांकि खुलकर कोई मैदान में सामने नहीं आया है। जरारिया के बारे में यह भी चर्चा है कि बीते साल 2 अप्रैल 18 को ग्वालियर चंबल क्षेत्र में हुई सामाजिक आंदोलन के दौरान उन्होंने एक वर्ग विशेष के प्रति गलत शब्दों का प्रयोग किया था जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसका खमियाजा पार्टी को भुगतना पड़ सकता है। उनके विरोध की वजह यह भी है कि वे महज छह महीने पहले बसपा छोड़कर कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए हैं। बताया जा रहा है कि स्थानीय कार्यकर्ता प्रचार करने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया के संसदीय क्षेत्र गुना-शिवपुरी चले गए हैं।