भोपाल। मध्यप्रदेश में चल रही बिजली कटौती ने अब मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी परेशान कर दिया है। कहने की जरूरत नहीं कि राहुल गांधी की तमाम लुभावनी योजनाओं की मध्यप्रदेश में बिजली कटौती के कारण बत्ती गुल हो सकती है। जनता में भारी नाराजगी नजर आ रही है। अब ग्राउंड रिपोर्ट सीएम कमलनाथ तक भी पहुंच गई है। कमलनाथ ने ऊर्जा मंत्री और प्रमुख सचिव उर्जा से एक महीने की रिपोर्ट मांगी है।
यह गंभीर मामला है, लापरवाही सहन नहीं होगी
सीएम कमलनाथ ने डीटेल रिपोर्ट मांगते हुए कहा है कि कटौती क्यों की गई इसका कारण भी बताएं। उन्होंने कहा कि इस बात का भी पता लगाएं चुनाव के समय ही कटौती की शिकायतें क्यों आ रही है? क्या इसके पीछे कुछ साजिश-षड्यंत्र तो नहीं है? इसकी भी जांच की जाए।मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि आम उपभोक्ताओं को 24 घंटे और कृषि कार्य के लिए 10 घंटे बिजली मिले, ये सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली वितरण में किसी भी तरह की लापरवाही सहन नहीं होगी। कुछ स्थानों पर आंधी-बारिश से बिजली वितरण में व्यवधान की बात सामने आई है, जिसे तत्काल दुरुस्त भी कर लिया गया, लेकिन जहां बिना कारण से अघोषित बिजली कटौती की शिकायतें आ रही हैं, वो गंभीर मसला है।
बिजली सरप्लस तो क्यों हो रही बिजली
मुख्यमंत्री ने बिजली कंपनियों से इस बात का भी जवाब मांगा है कि जब प्रदेश में बिजली सरप्लस में उपलब्ध है तब कटौती की शिकायतें क्यों आ रही हैं। उन्होंने कहा कि इस बात का भी पता लगाया जाये कि चुनाव के समय ही कटौती की शिकायतों क्यों आ रही है ? क्या इसके पीछे कुछ साज़िश-षड्यंत्र तो नहीं है ? इसकी भी जानकारी ली जाए।
मुख्य सचिव से किया जवाब-तलब
उन्होंने ऊर्जा विभाग से मांग और आपूर्ति के संबंध में भी जानकारी मांगी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कटौती के संबंध में बिजली कर्मियों को संवेदनशील और तत्पर बनाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से कहा कि इसके लिए अतिरिक्त संसाधन जरूरी हो तो वह भी बिजली महकमे को तत्काल उपलब्ध कराई जाए। इसमें किसी प्रकार की शिकायत व लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।