जीते हारे कोई भी, मप्र की राजनीति करवट बदल चुकी है: रवींद्र कैलासिया | MP NEWS

भोपाल। राजधानी के वरिष्ठ पत्रकार र​वींद्र कैलाश ने तथ्य और तर्कों के साथ अपनी 'स्टडी रिपोर्ट' सामने रखी है। उन्होंने दावा किया है कि मध्यप्रदेश में जीत या हार किसी की भी हो परंतु मध्यप्रदेश की राजनीति करवट बदल चुकी है। लोकसभा चुनाव के बाद मध्यप्रदेश में राजनीति का नया चेहरा दिखाई देगा। कुछ पुराने पोस्टर लोकसभा 2019 की आंधी में उड़ गए, कुछ चुनाव परिणाम की बारिश में घुल जाएंगे। 

13 लोकसभा सीटों पर नए चेहरे

रवींद्र कैलासिया ने लिखा है कि कांग्रेस-भाजपा दोनों ने ऐसे नेताओं को मौका दिया है जो जीते तो पहली बार लोकसभा में पहुंचेंगे। हालांकि इनमें से नौ प्रत्याशी विधानसभा पहुंच चुके हैं और कुछ राज्य सरकार के मंत्रिमंडल में भी रहे हैं। नए चेहरों में चार महिलाएं हैं, जिनमें से शहडोल लोकसभा सीट पर कांग्रेस-भाजपा की ओर से प्रमिला सिंह और हिमाद्री सिंह प्रत्याशी हैं। प्रदेश की सभी सीटों पर दोनों दलों ने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। इसमें से भिंड, ग्वालियर, सागर, खजुराहो, शहडोल, बालाघाट, छिंदवाड़ा, विदिशा, देवास, उज्जैन, खरगोन, इंदौर और बैतूल लोकसभा सीटों पर कांग्रेस-भाजपा ने ऐसे चेहरे दिए हैं जो जीते तो पहली बार संसद की सीढ़ियां चढ़ेंगे।

भजन गायक टिपानिया तो राजनीति के लिए ही बिल्कुल नए हैं

इनमें एकदम नए चेहरों की सीट देवास है, जहां कांग्रेस ने अंतरराष्ट्रीय कबीरपंथी भजन गायक पद्मश्री प्रहलाद टिपानिया को उतारा है। टिपानिया राजनीति के लिए बिल्कुल नए हैं। भाजपा ने उनके सामने न्यायिक सेवा छोड़कर आए महेंद्र सोलंकी को टिकट दिया है। उनके लिए भी राजनीति नया क्षेत्र है। मुख्य मुकाबला इनके बीच ही है और जो भी जीतेगा, उससे क्षेत्र को नया राजनीतिक नेतृत्व मिलेगा।

छिंदवाड़ा में जीतने वाला पहली बार जाएगा लोकसभा

छिंदवाड़ा को भी लोकसभा चुनाव से नया राजनीतिक नेतृत्व मिलेगा। क्योंकि यहां कांग्रेस और भाजपा ने नए चेहरों को टिकट दिया है। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ को टिकट दिया है जिनका इस चुनाव से राजनीति में प्रवेश हो रहा है। वहीं, भाजपा ने आदिवासी श्रमिक नेता नत्थन शाह को टिकट दिया है, जिन्हें अब तक किसी चुनाव का अनुभव नहीं है। वे डब्ल्यूसीएल में बीएमएस के नेता रहे हैं। छिंदवाड़ा में भी मुख्य मुकाबला कांग्रेसभाजपा में बताया जा रहा है।

इंदौर में 30 साल बाद मिलेगा नया सांसद

इंदौर लोकसभा सीट से सांसद रही सुमित्रा महाजन 75 की उम्र के फॉर्मुले के कारण चुनाव नहीं लड़ पा रही हैं। भाजपा ने यहां से इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रहे शंकर लालवानी को प्रत्याशी बनाया है। वहीं कांग्रेस ने पंकज संघवी पर दांव लगाया है, संघवी पहले भी एक बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। दोनों में से कोई भी चुनाव जीते, इतना तय है कि इस बार इंदौर को नया सांसद मिलेगा।

छात्र राजनीति से लोकसभा की राह तक आ गए

कांग्रेस और भाजपा ने छात्र राजनीति से आए नेताओं को मौका देकर संसद में युवा नेतृत्व को पहुंचाने की रणनीति अपनाई है। दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रखर वक्ता रहे देवाशीष जरारिया को कांग्रेस ने भिंड से पूर्व विधायक व राज्य महिला आयोग की सदस्य रही संध्या राय के सामने उतारा है तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन महामंत्री रहे वीडी शर्मा को खजुराहो से नगर परिषद अध्यक्ष व राजघराने से ताल्लुक रखने वाली कविता सिंह के खिलाफ मैदान में उतारा है। वहीं, बैतूल लोकसभा सीट पर छात्र राजनीति के बाद कांग्रेस में सक्रिय हुए रामू टेकाम को टिकट दिया गया है, जिनके सामने भाजपा ने दुर्गादास उइके हैं। यहां कुछ आदिवासी संगठन भी अपना प्रत्याशी उतारने की रणनीति बना रहे हैं और जो भी जीतेगा क्षेत्र को लोकसभा में उसके रूप में नया राजनीतिक नेतृत्व मिलेगा।

कुछ नगर निगम की गलियों से लोकसभा के रेडकार्पेट पर

प्रदेश की राजनीति को नया नेतृत्व देने के लिए भाजपा ने नगर निगम के कुछ नेताओं को अवसर दिया है। ग्वालियर नगर निगम के महापौर रहे विवेक शेजवलकर चुनावी मैदान में हैं, जिनका मुख्य मुकाबला कांग्रेस के अशोक सिंह से है। सिंह तीन लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। वहीं, भाजपा ने सागर से नगर निगम के अध्यक्ष राजबहादुर सिंह को टिकट दिया है, जिनके सामने मुख्य रूप से कांग्रेस के पूर्व मंत्री प्रभुसिंह ठाकुर हैं। सहकारिता आंदोलन से जुड़े रमाकांत भार्गव को भी भाजपा ने विदिशा से टिकट दिया है, जिनके सामने कांग्रेस के पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल हैं। मुख्य मुकाबला इनके बीच होने से विदिशा से भी प्रदेश को नया राजनीतिक नेतृत्व मिलने की संभावना है।

पिता की संपत्ति के साथ लोकसभा सीट पर भी उत्तराधिकार

उज्जैन और खरगोन में भाजपा ने दो ऐसे नेताओं को टिकट दिया है, जिन्हें राजनीति विरासत में मिली है। दादा और पिता से विरासत में मिली राजनीति की सीढ़ियों के सहारे भाजपा के पूर्व विधायक अनिल फिरोजिया इस बार संसद पहुंचने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं। वहीं खरगोन में भी गजेंद्र पटेल को भाजपा ने टिकट दिया है, जिन्हें पिता से राजनीति विरासत में मिली है। बालाघाट से कांग्रेस ने क्षेत्र में लोकसभा के लिए नया नेतृत्व देने की रणनीति के तहत पूर्व विधायक मधु भगत को टिकट दिया है।

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