भोपाल। मध्यप्रदेश में आज का रविवार छुट्टी का दिन नहीं बल्कि भोपाल, इंदौर के तमाम पत्रकार और नेता अपने काम पर जुटे हुए हैं। पत्रकार ज्यादा से ज्यादा जानकारियां जुटा रहे हैं तो नेता पक्ष/विपक्ष में बयानबाजी करके अपना धर्म निभा रहे हैं लेकिन इतने भारी शोर-शराबे के बीच एक व्यक्ति रहस्यमयी चुप्पी साधे हुए है। यह वो व्यक्ति है जो किसी भी मौके का कभी नहीं चूकता। 2018 में इसने खुद को मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा 'सर्वेयर' बताया था। इन दिनों यह मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा 'चौकीदार' है। नाम तो पता ही होगा, शिवराज सिंह चौहान।
आयकर विभाग ने रात 3 बजे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के निजी सचिव प्रवीण कक्कड़ के इंदौर और भोपाल स्थित आवास पर छापेमार कार्रवाई शुरू की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सीएम के भांजे रातुल पुरी, सलाहकार आरके मिगलानी और कक्कड़ के करीबी प्रतीक जोशी और अश्विन शर्मा के करीब 50 ठिकानों पर रेड डाली गई है। 500 अफसरों की टीम एमपी के भोपाल-इंदौर, गोवा और दिल्ली के 50 ठिकानों पर एकसाथ कार्रवाई कर रही है। इनमें अमिता ग्रुप और मोजर बियर भी शामिल हैं। वहीं कार्रवाई के दौरान अब तक करीब 16 करोड़ रुपए मिलने की बात सामने आई है। भोपाल में प्रतीक जोशी के घर से बड़ी मात्रा में नकदी जब्त की गई, इसकी तस्वीरें भी मीडिया में सामने आई हैं। वहीं दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाके में आरके मिगलानी घर पर हुई कार्रवाई के दौरान उनकी दो लग्जरी कारों से डॉलर मिले हैं।
शिवराज सिंह का बयान क्यों नहीं आया
छापामारी के साथ ही भाजपा और कांग्रेस के तमाम नेता बयानबाजी कर रहे हैं। भाजपा ने इसे कांग्रेस का कालाधन बताया है तो कांग्रेस मांग कर रही है कि आयकर विभाग एकतरफा कार्रवाई क्यों कर रहा है। भाजपा के काले कारोबारियों पर कोई छापा क्यों नहीं मारा जा रहा। इन सबके बीच पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुप हैं। यहां तक कि उनके आधिकारिक ट्वीटर हेंडल @ChouhanShivraj पर इस छापे के बारे में 2 शब्द तक नहीं हैं। सूत्रों का कहना है कि ओएसडी प्रवीण कक्कड़ का 2018 के पहले भी सीएम हाउस में काफी आना जाना था। शिवराज सिंह चौहान की कमलनाथ से मित्रता और कांतिलाल भूरिया से मधुर संबंध की कहानियां भी हवाओं में लहराती मिल जातीं हैं।