भोपाल। बड़ा सवाल सामने आया है। दुर्गा वाहनी की सिद्धांतप्रिय महिला नेता एवं साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर क्या अब भी चुनाव लड़ेंगी या भाजपा का टिकट लौटा देंगी। प्रश्न इसलिए उपस्थिति हुआ है क्योंकि जिस एटीएस चीफ हेमंत करकरे को प्रज्ञा सिंह ने देशद्रोही बताते हुए उसकी मौत को उसके कर्मों की सजा बताया था, भाजपा ने उसी एटीएस चीफ हेमंत करकरे को शहीद का दर्जा दिया है। साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने 24 दिन तक पुलिस की अमानवीय प्रताड़नाएं सहन की लेकिन हालात समझौता नहीं किया तो क्या अब प्रज्ञा सिंह अपने बयान पर कायम रहेंगी या समझौता करेंगी।
एटीएस चीफ हेमंत करकरे के बारे में भारतीय जनता पार्टी ने क्या कहा
भारतीय जनता पार्टी ने प्रज्ञा सिंह के बयान पर केंद्रीय कार्यालय से स्पष्टीकरण जारी किया है। भाजपा ने राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने कहा है कि प्रज्ञा सिंह ने जो बयान दिया है उससे भाजपा सहमत नहीं है। भाजपा हेमंत करकरे को शहीद मानती है। प्रज्ञा सिंह का बयान उनके निजी विचार हैं।
परीक्षा का समय: प्रज्ञा सिंह सिद्धांतवादी नेता हैं या अवसरवादी
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के सामने यह परीक्षा का समय है। उनका निर्णय तय करेगा कि समाज में उनकी क्या छवि बनेगी। क्या वो सिद्धांतवादी नेता हैं और अपने बयान पर कायम रहते हुए उस संगठन से नाता तोड़ लेंगी जो एटीएस चीफ हेमंत करकरे को कांग्रेस की ही तरह शहीद बता रहा है या फिर सांसद के पद के लालच में अपना बयान वापस लेेंगी या फिर मालेगांव की कहानियां सुनाना बंद करके पार्टी में बनी रहेंगी। बता दें कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने 2 दिन पहले ही भाजपा ज्वाइन की है।