भोपाल। न्यायाधीश के पद से इस्तीफा देकर बतौर भाजपा प्रत्याशी लोकसभा चुनाव लड़ रहे महेंद्र सिंह सोलंकी का एक बयान उन्हे उलझन में डाल गया। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सोलंकी, जज की कुर्सी पर बैठकर राजनीति करते थे। कांग्रेस ने उनके द्वारा दिए गए फैसलों की जांच करने की मांग की है एवं चुनाव आयोग से अपील की है कि वो इस मामले को संज्ञान में ले।
देवास-शाजापुर संसदीय सीट से बीजेपी प्रत्याशी महेंद्र सिंह सोलंकी ने आगर में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा ‘साल 2018 में मैंने भाजपा के एक बड़े पदाधिकारी से फोन करके पूछा था कि मध्य प्रदेश में अपनी सरकार क्यों नहीं बन सकी। इस पर उन्होंने कहा कि तुम्हारे जैसा युवा जिसे जमीन पर कार्य करना चाहिए वो एसी में बैठे हुए हैं। तुम जमीन पर आओ तो अपने आप सरकार बनेगी। बाद में उन्हीं भाई साहब का फोन आया कि चुनाव लड़ने की इच्छा है ? मैंने सहर्ष स्वीकार किया और अब बीजेपी ने मुझे देवास लोकसभा से प्रत्यशी बनाया है''।
गौरतलब है कि महेंद्र सोलंकी 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान न्यायधीश पद पर आसीन थे। ऐसे में भाजपा के पदाधिकारी से संपर्क कर, अपनी सरकार नहीं बनने पर पूछना, कई सवाल खड़े करता हैं। प्रदेश कांग्रेस सचिव गुड्डू लाला ने भाजपा प्रत्याशी महेंद्र सिंह सोलंकी के बयान को शर्मनाक बताया है। कांग्रेस सचिव ने जबलपुर हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और प्रदेश के कानून मंत्री से मांग की है कि सोलंकी के कार्यकाल में दिए गए निर्णयों की जांच हो। साथ ही चुनाव आयोग को भी इस मामले में संज्ञान लेने की बात कही है। गुड्डू लाला ने कहा कि सोलंकी की तरह और भी ऐसे कितने जज होंगे जो भाजपा के लिए काम कर रहे हैं।