नई दिल्ली। बड़ी खबर आ रही है। भारत में बेरोजगारी के सरकारी आंकड़े लीक हो गए हैं। सरकार ने इसे दबा रखा था। NSSO का सालाना लेबर फोर्स सर्वे अब लीक हो गया है। इस सरकारी सर्वे रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। 2012 से 2017 की तुलना करें तो बेरोजगारी 7 राज्यों से बढ़कर 11 राज्यों में फैल गई है। 2012 में बेरोजगारी दर 2.2 थी जो 2017 में 6.1 हो गई है। यदि 45 साल का रिकॉर्ड देखें तो पिछले 5 साल में सबसे कम नौकरियां दी गईं।
2012 में 7 राज्यों में बेरोजगारी थी, 2017 में 11 राज्यों में फैल गई
बिजनस स्टैंडर्ड ने NSSO के सालाना लेबर फोर्स सर्वे को कोट करते हुए कहा है कि देश के एक तिहाई राज्यों में बेरोजगारी का आंकड़ा 2017-18 के नेशनल ऐवरेज से ज्यादा है। पिछली बार यह सर्वे 2011-12 में किया गया था। उस समय भी इन 11 राज्यों में से सात में सबसे ज्यादा बेरोजगारी थी। ये सात राज्य बिहार, ओडिशा, उत्तराखंड, झारखंड, केरल, असम और हरियाणा हैं। 2017-18 के सर्वे में इसमें उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब और तमिलनाडु भी शामिल हो गए हैं।
बेरोजगारी दर: 2012 में 2.2% थी, 2017 में 6.1% हो गई
इस सर्वे के मुताबिक 2017-18 में बेरोजगारी की दर 6.1 प्रतिशत हो गई है जो कि 2011-12 में 2.2 फीसदी थी। इस सर्वे में दावा किया गया है कि केरल में सबसे ज्यादा 11.4 फीसदी बेरोजगारी है। इसके बाद हरियाणा, 8.6%, असम 8.1% और पंजाब 7.8% हैं। छत्तीसगढ़ में सबसे कम 3.3 फीसदी बेरोजगारी थी।
गुजरात में बेरोजगारों की संख्या दो गुना हो गई
इस सर्वे के मुताबिक गुजरात में बेरोजगारी की दर तेजी से बढ़ी है। यह 2011-12 के 0.5 फीसदी के मुकाबले 2017-18 में 4.8 फीसदी हो गई है। डेटा में दिखाया गया है कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में बेरोजगार युवकों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। बताया गया है कि सुधार के मामले में पश्चिम बंगाल आगे है।
सरकार ने दबा रखी थी यह सर्वे रिपोर्ट
बता दें कि NSSO के इस डेटा को सरकार ने रोककर रखा है। NSSO ने यह सर्वे जुलाई 2017 और जून 2018 के बीच किया था। इसके मुताबिक देश में 6.1 की बेरोजगारी दर 1972-73 के बाद सबसे ज्यादा है। इस रिपोर्ट के बारे में नीति आयोग की तरफ से कहा गया था कि सर्वे में अभी कमी रह गई है इसलिए अधूरी रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की जा सकती।