जबलपुर। सेना देश की है, किसी पार्टी की नहीं। सेवानिवृत्त सैनिकों की 40 साल पुरानी वन रैंक, वन पेंशन व अन्य मांगें अब तक पूरी नहीं की गईं। जंतर-मंतर पर लगातार धरना प्रदर्शन किया जा रहा है, लेकिन अभी तक सरकार ने हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया। सरकार ने वन रैंक, वन पेंशन के नाम पर जो मांग पूरी की है वह उस रूप में नहीं है जिस रूप में मांग की जा रही है। यह बात इंडियन एक्स सर्विसमेन मूवमेंट (आईईएसएम) के चेयरमैन रिटायर्ड मेजर जनरल सतबीर सिंह ने पत्रकारों से चर्चा में कही। उन्होंने कहा कि आईईएसएम ने मांग पत्र तैयार किया है, यदि राजनीतिक दल उनके मांग पत्र को पूरा करने वायदा नहीं करेंगी तो हमारा वोट नोटा को जाएगा।
ये मांगें हैं
वन रैंक, वन पेंशन को लागू करना। अभी सरकार ने जो लागू किया है उसमें जूनियर को सीनियर से अधिक पेंशन मिल रही है जो कि संविधान का उल्लंघन है। नियमानुसार सीनियर को जूनियर से अधिक पेंशन मिलनी चाहिए।
सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए एक्स सर्विसमैन कमिशन का गठन किया जाए।
60 साल तक उम्र के सैनिकों के लिए कॅरियर की व्यवस्था की जाए। वरिष्ठ सैनिकों की भर्ती के लिए 7.82 लाख पद रिक्त हैं, लेकिन 60 हजार पद ही भरे गए हैं।
सैनिक व उनके हितग्राहियों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाई जाएं। ईसीएचएस को अपग्रेड किया जाए, जिससे बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।
सैनिकों की विधवाओं की पेंशन में बढ़ोत्तरी की जाए।
सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई है
पत्रकारवार्ता में सुदेश गोयल ने कहा कि मैंने जंतर मंतर पर लगातार 810 दिन तक अनशन किया, लेकिन सैनिकों को उनका अधिकार नहीं मिला। हम 2008 से मुहिम चला रहे हैं। यह मुहिम पूरे देश में चल रही है। पत्रकारवार्ता में वाइस चेयरमैन विनोद गांधी ने कहा कि सोशल मीडिया में अफवाह फैलाई जा रही है कि हमें वन रैंक, वन पेंशन मिल गई जबकि यह झूठ है। पत्रकारवार्ता में हिमांशु खरे भी शामिल हुए।
सेवानिवृत्त सैनिकों के साथ बैठक
इंडियन एक्स सर्विसमेन मूवमेंट के पदाधिकारियों ने पत्रकारवार्ता के पहले होटल सत्य अशोका में सेवानिवृत्त सैनिकों के साथ बैठक की। इसमें सैनिकों को बताया कि उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए वे हमेशा प्रयास करते हैं। इसके लिए किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता।