06 अप्रैल 2019 से नव संवत्सर की शुरूआत हो गई। यह हिंदुओं का नववर्ष है। इसकी शुरूआत हिंदू धर्म के पंचाग के अनुसार चैत्र प्रतिपदा के दिन होती है। यह तो सभी जानते हैं परंतु क्या आप जानते हैं कि आज जबकि अंग्रेजी केलेंडर में सन् 2019 चल रहा है, हिंदुओं के संवत्सर की संख्या क्या है। आज से संवत्सर 2076 शुरू हो गया है। इसका अर्थ यह है कि भारत में 'विक्रम संवत' की शुरूआत अंग्रेजी केलेंडर से करीब 57 साल पहले बन गया था। मजेदार बात यह है कि आज से युगाब्ध 5121 शुरू हो रहा है। हिंदुओं के लिए यह गौरव का दिन है कि हिंदू धर्म अपनी स्थापना के 5121 वें वर्ष में प्रवेश कर गया है परंतु ज्यादातर लोगों को यह पता ही नहीं। आज से जो संवत्सर शुरू हो रहा है उसका नाम 'परिधावी' है। इस तरह संवत्सर के कुल 60 नाम होते हैं।
प्राकृतिक उपद्रव होंगे, संक्रामक रोग फैलेंगे
संवत्सरों का नामकरण काफी अध्ययन, शोध एवं विचारविमर्श के बाद निश्चित किए गए थे। इनके अपने चरित्र होते हैं। इनके नाम से यह पता चल जाता है कि आने वाले 1 साल में क्या कुछ घटित हो सकता है। परिधावी हिन्दू धर्म में मान्य संवत्सरों में से एक है। यह 60 संवत्सरों में छियालीसवाँ है। इस संवत्सर के आने पर विश्व में अन्न काफ़ी मंहगा होता है, वर्षा मध्यम होती है, प्राकृतिक उपद्रव होते रहते हैं और प्रजा कई प्रकार के रोगों से पीड़ित रहती है। इस संवत्सर का स्वामी इंद्राग्नी को कहा गया है।
इस साल जन्म लेने वाले शिशु कैसे होंगे
परिधावी संवत्सर में जन्म लेने वाला शिशु विद्वान, सुशील, कला में कुशल, श्रेष्ठ बुद्धि वाला, राजमान्य, भ्रमणशील प्रवृत्ति वाला और व्यापार में प्रतिष्ठा प्राप्त करने वाला होगा। ब्रह्माजी ने सृष्टि का आरम्भ चैत्र माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से किया था, अतः नव संवत का प्रारम्भ भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होता है। हिन्दू परंपरा में समस्त शुभ कार्यों के आरम्भ में संकल्प करते समय उस समय के संवत्सर का उच्चारण किया जाता है। संवत्सर 60 हैं। जब 60 संवत पूरे हो जाते हैं तो फिर पहले से संवत्सर का प्रारंभ हो जाता है।