नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि चुनाव आयोग में ज्यादातर देश के नाकाम लोग हैं, जो भाजपा की ज्यादतियों के महज मूकदर्शक बने हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए राष्ट्रवाद के नारे गढ़ रही है।
न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में चिदंबरम ने कहा, "मोदी जी ने जो कह दिया, भाजपा ने उस पर बेहिसाब पैसा खर्च किया है। मुझे पूरा भरोसा है कि लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस को सपा, बसपा और तृणमूल कांग्रेस का समर्थन मिल जाएगा।" हाल ही में विपक्षी नेताओं ने मोदी द्वारा भाषणों में सेनाओं के जिक्र को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत भी की थी।
'चुनाव आयोग के मानक एक जैसे नहीं'
चिदंबरम से पूछा गया कि क्या इस बार यूपीए-3 की सरकार बन सकती है। हाल ही में कई विपक्षी नेताओं पर आयकर विभाग, सीबीआई और प्रत्यर्पण निदेशालय (ईडी) ने छापे मारे। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा- चुनाव आयोग हर विपक्षी उम्मीदवार से तो उसके खर्च का ब्योरा मांग रहा है। प्रत्याशियों से छोटी-छोटी चीजों मसलन झंडा खरीदने तक का हिसाब मांगा जा रहा है।
उन्होंने कहा, "अगर आप (चुनाव आयोग) समान मानक लागू करते हैं, तो भाजपा के प्रत्येक उम्मीदवार को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।"
'अपनी नाकामी छिपाना चाहती है सरकार'
चिदंबरम के मुताबिक- राष्ट्रवाद के नारे इसलिए गढ़े जा रहे हैं क्योंकि सरकार अपनी नाकामी छिपाना चाहती हैं। हर भारतीय देशभक्त है। आप किसी देशभक्त को देशद्रोही नहीं बोल सकते। भाजपा मीडियो को अपने पक्ष में करके राष्ट्रवाद के विचार को बेच रही है, जिसके कोई मायने नहीं हैं। मुख्य सवाल यह है कि क्या हर भारतीय उतना ही खुश है जितना वह पांच साल पहले था। इसमें मेरा जवाब न है। हर भारतीय डर में जी रहा है। महिलाएं, दलित, अनुसूचित जातियां, पत्रकार, एकेडमीशियंस सभी डर में जी रहे हैं।
'भाजपा तो सत्ता में नहीं आएगी'
क्या इस बार यूपीए-3 सत्ता में आएगा, इस पर चिदंबरम ने कहा कि इस बार गैर-भाजपा सरकार बनेगी। निश्चित रूप से इसमें चुनाव से पहले कांग्रेस से जुड़े सहयोगी दलों की बड़ी भूमिका रहेगी। चुनाव के बाद भी कुछ दल हमसे जुड़ सकते हैं। लिहाजा यूपीए-3 की बेहतर संभावना है। स्थायी सरकार बनाने क लिए सपा, बसपा और तृणमूल कांग्रेस भी हमारे साथ आएंगी।
'सीबीआई, ईडी का खुलकर दुरुपयोग हुआ'
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसा पहली (खासकर चुनाव के दौरान) बार है जब सीबीआई, आयकर विभाग और ईडी का खुलकर दुरुपयोग हुआ। देश में लोकसभा के 545 सीटें हैं। क्या केवल विपक्षी उम्मीदवारों के पास ही बेहिसाब पैसा मिल रहा है? क्या किसी भाजपा उम्मीदवार के पास बेहिसाब पैसा मिला? प्रधानमंत्री की हर रैली पर करीब 10 करोड़ रुपए का खर्च आता है। आखिर इतना पैसा कहां से आ रहा है?